वाराणसी: लोलार्क छठ का पर्व शुक्रवार देर रात से प्रारंभ हो गया है. काशी के प्रसिद्द लोलार्क कुंड में लाखों श्रद्धालु देर रात से ही स्नान करने के लिए कतार में हैं. सूर्याष्टी या लोलार्क छठ का स्नान देर रात 12 बजे शुरू हुआ जिसके लिए सुबह से ही महिलाओं व श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है.
इस बीच जिला प्रशासन पूरी तरह से स्नान कराने के लिए मुस्तैद है. भगदड़ न हो इसके लिए एसीपी भेलूपुर, लंका इंस्पेक्टर, भेलूपुर इंस्पेक्टर, एनडीआरएफ टीम समेत सैकड़ों पीएसी फोर्स को तैनात किया गया है. ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो.
ऐसा माना जाता है कि सूर्य षष्ठी के दिन इस कुंड में स्थान लेने से संतान की प्राप्ति होती है और कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलती है. इसी मंगल कामना को लेकर देश ही नहीं विदेशों से भी लोग यहां खींचे चले आते हैं. कुछ श्रद्धालु जिन्हें स्नान के बाद संतान की प्राप्ति हो चुकी है.
जिसके बाद इस कुंड में श्रद्धालु अपने संतान के साथ स्नान करने आते हैं. मनोकामना पूर्ण होने के बाद लोग सिर मुंडवाते हैं और बाबा लोलारकेश्वर को हलवा पूरियां चढ़ाते हैं. यहां स्थिति यह है कि करीब 3 किलोमीटर दूर तक दोनों तरफ श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है.
यहां तीज के त्योहार से ही यहां संतान प्राप्ति के सुख के लिए स्नान शुरू हो जाता है. संतान प्राप्ति के लिए तीज, चौथ, ऋषि पंचमी और सूर्याष्टी को स्नान कराया जाता है. दरअसल, कुछ श्रद्धालु संतान प्राप्ति की कामना के साथ डुबकी लगाते हैं और कुछ् संतान की प्राप्ति के बाद हर वर्ष हाजरी लगाने आते हैं.
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