Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहमानखेड़ा क्षेत्र में करीब 20 दिनों से बाघ का खौफ बना हुआ है। इसे पकड़ने के लिए पांच टीमें और 15 कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही लखनऊ, कानपुर, और लखीमपुर खीरी से विशेषज्ञों को बुलाया गया है, लेकिन अब तक बाघ को पकड़ा नहीं जा सका है। रविवार को एक बार फिर रहमानखेड़ा इलाके में बाघ की तस्वीर सामने आई जिससे उसकी मौजूदगी की पुष्टि हो गई। इसके बाद वन विभाग की चिंता और बढ़ गई है।
शनिवार देर रात वन विभाग (Lucknow News) के कर्मचारियों ने बाघ की दहाड़ सुनने का दावा किया, जिसके बाद जंगल में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया। रविवार दोपहर लखनऊ मंडल की अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बाघ के पगचिन्ह मिलने वाले स्थान का निरीक्षण किया। उन्होंने विशेषज्ञों को निर्देश दिया कि बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने की कार्रवाई की जाए।
यह भी पढ़ें : CM योगी आदित्यनाथ ने 12 IPS के क्यों किए ट्रांफसर, हटाए गए कानपुर से लेकर..
पुलिया के नीचे बाघ ने सांड का किया शिकार
रहमानखेड़ा के जंगल में पुलिया के नीचे बाघ ने एक सांड का शिकार किया। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। प्राणी उद्यान लखनऊ के डॉक्टर बृजेंद्र मणि यादव और कानपुर प्राणी उद्यान की चिकित्सक डॉक्टर नासिर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की। टीम ने थर्मल ड्रोन की मदद से 5 किलोमीटर के दायरे में बाघ के पदचिह्नों का निरीक्षण किया।
डीएफओ लखनऊ सितांशु पांडे ने बताया कि जांच रिपोर्ट में सांड के बाघ द्वारा शिकार किए जाने की पुष्टि हुई है। बाघ की गतिविधि अब 10 किलोमीटर के दायरे में फैल गई है। उसे पकड़ने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस से नमूने लिए जा रहे हैं, और आसपास के क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इस बीच, ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।