Lucknow land rate: लखनऊ में सड़क किनारे की जमीन अब ‘सोने’ जैसी कीमती हो गई है। नए सर्किल रेट जारी होने के बाद रियल एस्टेट बाजार में भारी हलचल मच गई है। गोमतीनगर, शहीद पथ और अयोध्या रोड जैसे प्रमुख इलाकों में जमीन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। यहां प्रति वर्ग मीटर कीमत 70,000 रुपये तक हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि बाजार भाव और सरकारी रेट के बीच का अंतर काफी बढ़ चुका था, जिसे अब सर्किल रेट बढ़ाकर संतुलित किया जा रहा है। इससे सरकारी राजस्व भी बढ़ेगा। कई बड़े बिल्डरों ने पहले से ऊंचे दाम पर जमीन बेचना शुरू कर दिया था। आइए जानते हैं कहां कितने बढ़े हैं रेट।
लखनऊ में कहां कितनी बढ़ी जमीन की कीमत?
Lucknow के अलग-अलग इलाकों में नए सर्किल रेट इस प्रकार तय किए गए हैं:
- गोमतीनगर (विराजखंड, विभूतिखंड): ₹70,000 प्रति वर्ग मीटर
- शहीद पथ (सुशांत गोल्फ सिटी, लूलू मॉल, मेदांता हॉस्पिटल): ₹50,000 – ₹52,000 प्रति वर्ग मीटर
- अयोध्या रोड (लेखराज पुलिस चौकी से रिंग रोड तक): ₹49,500 प्रति वर्ग मीटर
- महानगर गोल मार्केट से निशातगंज पुल: ₹53,000 प्रति वर्ग मीटर
- कपूरथला चौराहा से राम राम बैंक, अलीगंज योजना सेक्टर एल: ₹54,000 प्रति वर्ग मीटर
- किसान पथ (नगर निगम सीमा के अंदर): ₹20,000 प्रति वर्ग मीटर
- किसान पथ (नगर निगम सीमा के बाहर): ₹15,000 प्रति वर्ग मीटर
- बख्शी का तालाब: ₹8,000 – ₹10,000 प्रति वर्ग मीटर
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे: ₹6,000 – ₹10,000 प्रति वर्ग मीटर
- मलिहाबाद मोहन रोड: ₹7,000 प्रति वर्ग मीटर
- मॉल रहीमाबाद रोड: ₹3,400 – ₹8,200 प्रति वर्ग मीटर
- मुंशीपुलिया से सेक्टर 17, बिरयानी हाउस तक: ₹49,500 प्रति वर्ग मीटर
- अटल चौक से फव्वारा चौराहा, लूलू मॉल के पीछे: ₹50,000 प्रति वर्ग मीटर
- रायबरेली रोड (मोहनलालगंज, सरोजनीनगर): ₹18,000 – ₹40,000 प्रति वर्ग मीटर
- कानपुर रोड (जुनाबगंज से भागू खेड़ा): ₹15,000 प्रति वर्ग मीटर
- निलमथा अंडरपास से विजयनगर, वृंदावन योजना: ₹40,000 प्रति वर्ग मीटर
क्यों बढ़े सर्किल रेट?
अधिकारियों का कहना है कि Lucknow के तेजी से विकसित होते क्षेत्रों में सर्किल रेट पुराने समय से काफी कम थे, जबकि प्रॉपर्टी की बाजार कीमतें काफी ऊपर जा चुकी थीं। इस अंतर को खत्म करने और सरकारी आय बढ़ाने के लिए सर्किल रेट में यह बदलाव जरूरी था। खासकर गोमतीनगर, शहीद पथ और अयोध्या रोड जैसे इलाकों में रेट में भारी इजाफा देखने को मिला है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इससे रियल एस्टेट में पारदर्शिता बढ़ेगी और जमीन की खरीद-फरोख्त में संतुलन आएगा।