Rajnath Aam: लखनऊ के मलीहाबाद से एक बार फिर आमों की दुनिया में गूंज सुनाई दी है। ‘मैंगो मैन’ के नाम से मशहूर पद्मश्री कलीमुल्लाह खान ने आम की एक नई किस्म को विकसित किया है, जिसे उन्होंने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर ‘राजनाथ आम’ नाम दिया है। खान इससे पहले नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी और ऐश्वर्या राय सहित कई प्रमुख हस्तियों के नाम पर आम रख चुके हैं। ‘ग्राफ्टिंग’ तकनीक से तैयार यह किस्म बागवानी में उनके समर्पण और देशभक्ति के जज्बे को दर्शाती है। उनका मानना है कि यह Rajnath Aam नाम आने वाली पीढ़ियों तक इन नेताओं की याद दिलाता रहेगा।
कलीमुल्लाह की ‘राजनीतिक बागवानी’ में नया पत्ता
पद्मश्री से सम्मानित बागवानी विशेषज्ञ कलीमुल्लाह खान ने इस बार आम की जिस नई किस्म Rajnath Aam का नाम रखा है, वह सीधे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जुड़ा है। मलीहाबाद स्थित अपने बाग में उन्होंने ‘ग्राफ्टिंग’ तकनीक से इस किस्म को विकसित किया है। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह एक संतुलित और शांति चाहने वाले नेता हैं, और यही भावना वह इस आम के माध्यम से सहेजना चाहते हैं।
“महान हस्तियों को आम के ज़रिए अमर बनाना चाहता हूं”
पीटीआई को दिए एक बयान में खान ने कहा, “मैं आमों का नाम उन लोगों पर रखता हूं जो सच्चे मायनों में देश की सेवा करते हैं। आम एक पीढ़ियों तक जीने वाला फल है, इसलिए मैं चाहता हूं कि इन नेताओं का नाम भी उसी तरह जिंदा रहे।” उन्होंने राजनाथ सिंह की पाकिस्तान पर हालिया टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि वह युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और अमन के पक्षधर हैं।
दशहरी से लेकर राजनाथ आम तक
मलीहाबाद दशहरी आम के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। कलीमुल्लाह खान बताते हैं कि 1919 के आसपास यहां 1300 से अधिक आम की किस्में पाई जाती थीं, जिनमें से कई अब लुप्त हो चुकी हैं। वह अब तक 300 से ज्यादा किस्मों का संरक्षण और विकास कर चुके हैं और आम को भारत की बागवानी विरासत के केंद्र में बनाए रखने के लिए लगातार कार्यरत हैं।
आम से स्वास्थ्य, देश से लगाव
खान का मानना है कि आम केवल स्वाद का विषय नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और संस्कृति का प्रतीक भी है। उन्होंने कई स्थानों पर इसके औषधीय गुणों पर आधारित प्रमाण प्रस्तुत किए हैं और अब शोध संस्थानों से अपेक्षा है कि वे इन बिंदुओं को वैज्ञानिक रूप में विकसित करें। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कोशिश यही है कि उनके जाने के बाद भी देश आम की विविधता का स्वाद लेता रहे।