Mahakumbh 2025: महाकुंभ में बने सेंट्रल हॉस्पिटल में अब तक 12 बच्चों का जन्म हो चुका है। इन बच्चों के माता-पिता ने इनके नाम बड़े खास रखे हैं। कोई अपने बच्चे का नाम गंगा रख रहा है, तो कोई जमुना, भोलेनाथ या बजरंगी। हॉस्पिटल की मैट्रन रमा सिंह ने बताया कि कल रात फूलपुर तहसील के सराय चंडी से आई नेहा सिंह ने बेटे को जन्म दिया। बच्चे के पिता दीपक का कहना है कि वह अपने बेटे का नाम “कुंभ” रखना चाहते हैं। लेकिन अस्पताल के रिकॉर्ड में पहले ही एक बच्चे का नाम कुंभ दर्ज हो चुका था, इसलिए इस बच्चे का नाम “कुंभ-2” रख दिया गया।
दीपक हरियाणा में नौकरी करते हैं और उनकी मां सेक्टर-18 में कल्पवास कर रही हैं। इस वजह से वे अपनी पत्नी नेहा को भी साथ लेकर महाकुंभ आए थे। उन्होंने बताया, कल रात अचानक पत्नी को दर्द उठा, तो मैंने एंबुलेंस को फोन किया और उसे हॉस्पिटल ले गया। रात करीब दो बजे हमारा बेटा हुआ। भले ही अस्पताल वाले उसका नाम कुंभ-2 रख रहे हैं, लेकिन मैं उसे कुंभ ही कहूंगा, क्योंकि वह इस पवित्र मेले में जन्मा है।
गर्भवती महिलाएं क्यों आती हैं महाकुंभ
रमा सिंह ने बताया कि बहुत सी गर्भवती महिलाएं प्रसव की तारीख नजदीक होने के बावजूद इस आस्था के साथ महाकुंभ आती हैं कि यहां जन्म लेने वाला बच्चा भाग्यशाली होगा।उन्होंने बताया कि एक महिला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आई थी। जब वह स्नान करने घाट पर पहुंची, तभी उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिवारवालों ने तुरंत एंबुलेंस को फोन किया, और उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां उसने बेटी को जन्म दिया और उसका नाम “सरस्वती” रखा गया।
सोशल मीडिया पर लोगों की अलग अलग राय
महाकुंभ में बच्चों के जन्म की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। कुछ लोगों ने इसे सौभाग्य की बात बताया, तो कुछ ने इसे चिंता का विषय माना।एक यूजर ने लिखा, लोग महाकुंभ में पुण्य कमाने आते हैं, लेकिन ये बच्चे तो खुद इसी धरती पर जन्मे हैं। इनसे ज्यादा भाग्यशाली और कौन होगा।वहीं, एक दूसरे यूजर ने चिंता जताई और लिखा, महाकुंभ में इतनी भीड़ है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं का यहां आना और डिलीवरी कराना खतरनाक साबित हो सकता है।