महाकुंभ का यह पवित्र आयोजन 13 जनवरी से आरंभ होने जा रहा है। साधु-संतों का आगमन शुरू हो चुका है। महाकुंभ मेले से पहले संगम तट पर पुजारियों ने गंगा आरती का आयोजन किया।
महाकुंभ मेला हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संगम तट पर टेंट लगाए गए हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बार गंगा की लहरों पर एक विशेष वाटर एंबुलेंस तैनात की गई है, जिसमें सभी आवश्यक मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
महाकुंभ के अवसर पर संगम के पास तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायत के साधुओं ने छावनी में प्रवेश के लिए भव्य राजसी यात्रा का आयोजन किया।
अखाड़े के साधु, संत, महंत, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर हाथी, घोड़ों और ऊंट के साथ रथों पर सवार होकर छावनी प्रवेश यात्रा के माध्यम से मेला क्षेत्र में पहुंचे।
महाकुंभ मेले से पहले श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया। 13 जनवरी से 27 फरवरी तक इस भव्य आयोजन में साधु-संतों का विशाल जमावड़ा देखने को मिलेगा।