Mamta Kulkarni : 90 के दशक में बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी ने हाल ही में संन्यास लेकर किन्नर अखाड़े में प्रवेश किया था और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई थी। हालांकि, इस फैसले के कुछ ही दिनों बाद किन्नर अखाड़े में ममता को लेकर विवाद शुरू हो गया और महज 7 दिनों के भीतर ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया और अखाड़े से बाहर भी कर दिया गया। आइए जानते हैं इसके पीछे की पांच मुख्य वजहें:
जानें वजह
किन्नर अखाड़े के अनुसार, महामंडलेश्वर बनने के लिए पहले व्यक्ति को वैराग्य और संन्यास की प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है। ममता को बिना इस प्रक्रिया से गुजारे ही सीधे महामंडलेश्वर बना दिया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया।
फिल्मी करियर विवादों से भरा
ममता कुलकर्णी का फिल्मी करियर विवादों से भरा रहा है। खासकर उनका टॉपलेस फोटोशूट और फिल्मों में बोल्ड अंदाज़ को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई। संत बनने के लिए साफ-सुथरी और मर्यादित छवि जरूरी मानी जाती है, जो उनके मामले में विवाद का कारण बनी।
ममता का नाम ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी के साथ जुड़ चुका है, जिनसे उनकी शादी की खबरें भी थीं। उनके खिलाफ देशद्रोह और अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप लगे थे। भले ही ममता ने इन आरोपों को नकारा हो, लेकिन ये विवाद उनकी छवि पर असर डालते रहे।
अखाड़े के नियमों के अनुसार, महामंडलेश्वर बनने से पहले संन्यास लेना और मुंडन कराना अनिवार्य है। ममता न तो संन्यासी थीं और न ही उन्होंने मुंडन कराया था, जिससे परंपराओं का उल्लंघन हुआ।
किन्नर अखाड़े के संन्यासियों को गले में वैजंती माला पहनना जरूरी है, लेकिन ममता ने इसकी जगह रुद्राक्ष की माला पहनी थी, जो अखाड़े के नियमों के खिलाफ है। इस नियम के उल्लंघन ने भी उनके महामंडलेश्वर पद पर सवाल खड़े किए। इन सभी कारणों के चलते ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया और अखाड़े से भी बाहर कर दिया गया।