Malaysia Mahathir Mohamad: मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को 53 साल में आम चुनाव में पहली बार करारी हार का सामना करना पड़ा है। माहतिर मोहम्मद ने शनिवार को हुए आम चुनाव में अपनी संसदीय सीट भी गंवा दी। माना जा रहा है कि इस हार के बाद 97 वर्षीय महातिर मोहम्मद के राजनीतिक करियर का भी अंत हो गया है। महातिर माहम्मद दो बार मलेसिया के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। यह वही महातिर मोहम्मद हैं जिन्होंने पाकिस्तानी नेता इमरान खान के साथ नजडीकी बढ़ाई थी और कई मुद्दों पर भारत का विरोध किया था। महातिर ने भारतके भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को मलेशिया में शरण दे रखी थी।
महातिर मोहम्मद एशिया के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जिनका राजनीतिक करियर इतना लंबा रहा है। महातिर मोहम्मद लंगकावी सीट से चुनाव लड़ रहे थे जहां उन्हें चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। इससे पहले साल 2018 में हुए चुनाव में महातिर मोहम्मद ने इस सीट से बड़े अंतर से चुनाव जीता था। जनता की नाराजगी का आलम यह रहा कि इस बार के चुनाव में उनकी जमानत भी जब्त हो गई। यही नहीं महातिर मोहम्मद की पार्टी पेजुआंग को एक भी सीट नहीं मिली है।
पिछले 53 साल में यह महातिर मोहम्मद की पहली चुनावी हार थी। महातिर मोहम्मद 1981 सले लेकर साल 2003 तक 22 साल मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। इसके बाद वह फिर से राजनीति में आए और साल मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। इसके बाद वह फिर से राजनीति में आए और साल 2018 में चुनाव जीतकर मलेशिया के प्रधानमंत्री बने। उस समय उनकी 92 साल थी। चुनाव से पहले महातिर ने दावा किया था कि उनकी पार्टी के लिए चुनाव में जीत हासिल करने का बढ़िय मौका है। उन्होंने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया था कि वह रिटायर होंगे। मलेशिया के चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, जिससे त्रिशंकु संसद का गठन हुआ है। बता दें कि यह वही महातिर मोहम्मद हैं जो इमरान खान के साथ मिलकर भारत के किलाफ कई बार जहरीले बयान दिए थे। साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा मेंसंबोधन के दौरामन महातिर मोहम्मद ने कशमीर का मुद्दा उठाया था।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भारत के सख्त रुख के बाद महातिर ने माना था कि उनके कश्मीर पर दिए बयान के कारण भारत के साथ रिश्ते खराब हुए। यही नहीं माहतिर ने भारत के भगोड़े इस्लामिक उपदेश जाकिर नाइक को शरण दी थी। भारत की प्रत्यर्पण की अपील को खारिज कर दिया था। बाद में महातिर मोहम्मद ने कहा है कि उनका देश भारत को छोड़कर किसी अन्य देश की तलाश में है जहां जाकिर नाइक को भेजा जा सके लेकिन कई देश विवादास्पद उपदेशक को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि मैंने पीएम मोदी से मुलाकात भी की है।