जैसी ही चुनाव पास आने लगते हैं तो सियासी दलों में खींचातानी बढ़ जाती है। राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर वार पलटवार करने का एक मौका नहीं चूकती। इसी कड़ी में राज्य में पंचायत चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ दो दिवसीय धरना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ तृणमूल के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी केंद्र की निति और बंगाल के प्रति सौतेले व्यवहार के विरोध में शहीद मीनार मैदान में एक रैली को संबोधित करने का ऐलान किया है। बता दें उपचुनाव के हार के बाद तृणमूल कांग्रेस पंचायत चुनाव के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
मामता बनर्जी का मिशन 2024 शुरू
जानकारी के अनुसार, ममता बनर्जी का गुलाम रब्बानी से अल्पसंख्यक मामलों का विभाग लेकर संभालने का कदम उन कई सुधारात्मक उपायों में से एक माना जा रहा है, जो ग्रामीण चुनावों में पार्टी के प्रभावकारी प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे है। 2024 के आम चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अभियान शुरू कर दिया है। ममता बनर्जी पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और इसके लिए वह कांग्रेस के बिना ही क्षेत्रीय दलों का गठबंधन बनाने के तरीके तलाश रही हैं।
तृणमूल और कांग्रेस आमने-सामने
आपके बता दें कि कांग्रेस और तृणमूल ने हाल ही में एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। तृणमूल ने कहा कि इस समय PM मोदी की “सबसे बड़ी टीआरपी” कांग्रेस नेता राहुल गांधी हैं। वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि तृणमूल और भाजपा के बीच समझौते हो चुका है।
बीजेपी और कांग्रेस कैसे देंगे ममता के धरने का जवाब
इसी बीच, भाजपा और कांग्रेस भी शहर में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। बंगाल के भाजपा नेता श्याम बाजार में एक दिन के धरने पर बैठेंगे। इस दौरान वे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलते हुए नजर आएंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस ने लोकसभा से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में राज्य पार्टी मुख्यालय से पार्क सर्कस तक मार्च निकालने की घोषणा की है।