Mangaluru Blast ISIS Connection: कर्नाटक के मंगलुरु शहर में ऑटो रिक्शा के अंदर हुए ब्लास्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी मोहम्मद शरीक की पहचान की थी। अब सुरक्षा एजेंसियो की टेंशन और ज्यादा इसलिए बढ़ गई है क्योंकि मोहम्मद के तार इस्लामिक स्टेट और अल हिंद से जुड़े होने की बात सामने आई है। बता दें कि इस बलास्ट को कोयंबटूर जैसा बताया जा रहा है। कोयंबटूर ब्लास्ट के दौरान कार में सिलिंडर और ऑटो के कुकर का इस्तेमाल हुआ। कहा जा रहा है कि दोने के लिंक ISIS से जुड़े हुए है। इतना ही नहीं कोयंबटूर ब्लास्टमें आरोपियों के लिंक श्रीलंका में हुए ईस्टर ब्लास्ट के आरोपियों से भी सामने आए थे। अब मामले की जांच के लिए केंद्रीय खुफिया एजेंसी भी कर्नाटक में है। साथ ही ऑटो रिक्शा मे सवार यात्री के पास से बैटरी,तार और सर्किट वाला कुकर बरामद हुआ है। ऐसा लगता है कि इस पूरे सर्किट को कुकर के अंदर रखने के लिए फर्श की चटाई का इस्तेमाल किया गया था।
दरअसल, शनिवार यानि 19 नवंबर 2022 को मेंगलुरु में एक ऑटोरिक्शा में विल्फोट हुआ था, जिसमें कर्नाटक पुलिस ने रविवार यानी 20 नवंबर को मोहम्मद शरीक की पहचान मुख्य संदिग्ध के रूप में की थी। शरीक को इससे पहले भी गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा एक और अतंकी मामले में भी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
शारिक के घर बम बनाने का सामान बरामद
शनिवार की शाम को मंगलुरू में हुए ऑटो ब्लास्ट के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि शिवामोग्गा से फरार होने के बाद शारिक एक चोरी के आधार कार्ड की मदद से मैसूर में एक घर किराए पर लेकर रह रहा था और वहीं पर उसने बम बनाने की प्रैक्टिस भी की थी। मैसूर के अलावा शिव्मोग्गा और मंगलुरु में भी उसने अपना ठिकाना बना रखा था। मंगलुरू बम ब्लास्ट की खबर सामने आने के बाद पुलिस एक बार मुस्तैद हो गई और मैसूर, शिवामोग्गा और मेगलुरु में तकरीबन 7 ठिकानों पर सर्च किया और शारिक के मैसूर के घर से बम बनाने का बहुत सारा सामान बरामद भी किया।
बता दें कि मंगलुरु ऑटो बम ब्लास्ट के तुरंत बाद जब जांच की गई तो पुलिस को इस बात का यकीन हो गया था कि जो व्यक्ति ऑटो में सवार था वह मुख्य आरोपी शाकिर ही है, क्योंकि इस हादसे में उसका चेहरा ब्लास्ट में झुलस गया है शारिक का चेहरा झुलसा हुआ था। इस वजह से पुलिस पक्के तौर पर इस बात को कह नहीं पा रही थी। यही वजह थी कि आज सुबह शारिक के घरवालों को मंगलुरु अस्पताल बुलाया गया और उन्होंने शारिक की पहचान कर ली। इसके बाद एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर आलोक कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये पूरी जानकारी दी। वहीं पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि शिवामोग्गा से फरार होने के बाद आरोपी शारिक मैसूर में एक किराए के मकान में रहने लगा था और यहीं से उसने मंगलुरु में एक बम ब्लास्ट करने की योजना बनाई, जिसके बाद सबसे पहले वह तमिलनाडु के कोयंबटूर गया। वहां से उसने एक सिम कार्ड खरीदा, जिसे वह इस कुकर बम के ट्रिगर के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता था। इसके अलावा शारिक केरल भी गया था।
शारिक बोल पाने की स्थिति में नहीं
पुलिस का कहना है कि शारिक की स्थिति अभी सही नहीं है वो कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है। इसलिए, अभी तक उसका स्टेटमेंट रिकार्ड नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस अब यह पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिर वह इस बम ब्लास्ट कहां करना चाहता था.कर्नाटक पुलिस के अलावा एनआईए की टीम भी मंगलुरु में मौजूद है और इस पूरे मामले की गहनता से जांच जारी है