मुस्लिम दिग्गज नेताओं के जेल में होने से या चुनाव लड़ने से इंकार के बाद बसपा ने मेरठ महापौर सीट पर मुस्लिम कार्ड खेला है। दरअसल बसपा ने तेली बिरादरी पर दांव लगाते हुए पूर्व पार्षद हशमत मलिक को मेरठ महापौर का प्रत्याशी बनाया है। मंगलवार रात करीब 10 बजे पार्टी हाईकमान ने लखनऊ में मेरठ के बसपा नेताओं के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया। इसकी जानकारी बसपा जिलाध्यक्ष मोहित आनंद ने दी।
सभी की निगाहें बसपा पर टिकी हुई थीं। बता दें कि पार्टी शहर के अंसारी और मलिक बिरादरी में ही मेरठ महापौर प्रत्याशी तलाश रही थी। इस तलाश को पूरा करते हुए बसपा ने हशमत मलिक को महापौर का टिकट देकर मलिक बिरादरी के साथ ही सपा गठबंधन से नाराज अन्य मुस्लिमों को भी साधने का काम किया।
हशमत मलिक स्क्रैप कारोबारी हैं। वह 2014 में बसपा लोकसभा प्रभारी और 2012 से 2017 नगर निगम में वार्ड 76 से पार्षद रहें हैं। आरएलडी में भी कई सालों तक महानगर अध्यक्ष रहें हैं। वहीं अब हसमत मलिक शाहिद अखलाक से टिकट की जंग जीत गए हैं। बता दें कि मेरठ में बसपा तीन बार महापौर सीट जीत चुकी है।
बहनजी से कल रात हशमत मलिक की मुलाकात कराई गई। रात ही में टिकट फाइनल हुआ। बीएसपी जिलाध्यक्ष मोहित आनंद, मंडल कोर्डिनेटर प्रशांत गौतम, मेरठ जोन मंडल कोर्डिनेटर प्रवेश जाटव ने हसमत मलिक की मुलाकात बहनजी से कराई है।
वहीं बसपा ने हशमत मलिक को सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान के खिलाफ मैदान में उतारा है। अखिलेश के खिलाफ बहनजी ने मुस्लिम कार्ड खेला है। अब सबकी नजरें बीजेपी प्रत्याशी पर टिकी हैं। मेरठ में बड़ा सियासी घमासान होगा।