Meerut land scam: पल्लवपुरम में बंजर सरकारी भूमि पर फर्जी दस्तावेजों से कॉलोनी विकसित करने का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित इस जमीन को निजी संपत्ति बताकर बिल्डरों ने प्लॉट बेच दिए। राजस्व विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि दो प्रमुख डेवलपर्स ने अपने स्वामित्व से ज्यादा भूमि पर कॉलोनियां बसाईं और अवैध रूप से कब्जा कर लिया। लेखपाल की शिकायत पर बिल्डरों और उनके साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस व राजस्व विभाग की टीम ने विवादित जमीन पर जाकर मुआयना किया और अब पूरे घोटाले की जांच तेज कर दी गई है।
थाने के नाम की जमीन पर बनाई कॉलोनी
पल्लवपुरम क्षेत्र की जिस जमीन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एंटी करप्शन थाना बनाने के लिए आवंटन किया था, उसी पर मधुर इंफ्रा डेवलपर्स और चंद्रपाल एसोसिएट्स नाम की कंपनियों ने कॉलोनी खड़ी कर दी। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, मुकर्रबपुर पल्हैड़ा की खसरा संख्या 609/5, रकबा 0.5060 हेक्टेयर भूमि श्रेणी 5(3) ड के तहत बंजर घोषित थी, जिसका उपयोग केवल सरकारी कार्यों के लिए हो सकता था। परंतु बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इस भूमि को निजी बता दिया और उस पर अवैध रूप से प्लॉट काटकर बेच दिए।
जमीन से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा, प्लॉट की खुली बिक्री
जांच में पता चला कि मधुर इंफ्रा डेवलपर्स ने खाता संख्या 33, 171 और 66 के तहत कुल 0.3667 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी, लेकिन कॉलोनी उन्होंने 0.5727 हेक्टेयर में बना डाली। यानी करीब 2060 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया। वहीं, चंद्रपाल एसोसिएट्स व सिद्धार्थ पंवार के पास 0.1520 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व था, परंतु उन्होंने 3420 वर्ग मीटर भूमि पर कॉलोनी विकसित कर दी—इस तरह 1900 वर्ग मीटर ज्यादा जमीन पर कब्जा किया गया। इस दौरान प्लॉट खुलेआम बेच दिए गए, जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ।
फर्जी दस्तावेजों से कब्जा, FIR दर्ज
राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर लेखपाल हरबीर सिंह की तहरीर पर मधुर इंफ्रा के निदेशक आशीष गुप्ता, आदित्य गुप्ता और चंद्रपाल एसोसिएट्स के अंकुश कुमार व सिद्धार्थ पंवार समेत अन्य पर केस दर्ज हुआ है। पल्लवपुरम थाने में इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 262(4), 336(3), 337, 338, 340(2), 61(2) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
Meerut एसएसपी ने कहा—सरकारी जमीन को पहुंचाया गया नुकसान
बुधवार को Meerut पुलिस और Meerut राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर जाकर विवादित भूमि का मुआयना किया। टीम ने कॉलोनी में कब्जाई गई जमीन की पैमाइश कर प्रमाण एकत्रित किए। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि सरकारी जमीन को निजी बताकर कॉलोनी विकसित करने का गंभीर मामला है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जमीन को कब्जे से मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।