Mercury : मेडिकल जांच में उपयोग होने वाला पारा हमारे शरीर और पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। इस बारे में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें 134 मिलियन डॉलर का खर्च किया गया है ताकि पारा के होने वाले नुकसान को पूरी तरह से कम किया जा सके।
एक लिक्व्ड फॉर्म में पाया जाने वाला मेटल होता है। जिसको थर्मामीटर में इस्तेमाल किया जाता है। जिसको लेकर कहा जाता है कि अगर गलती से भी आपके मुंह के अंदर चला जाता है तो आपको की सारी परेशानियां हो सकती हैं जिनसे आपकी जान भी जा सकती है। देखा जाए तो हम कह सकते हैं कि पारा एक फायदे की चीज़ भी है लेकिन इसी के साथ इसके नुकसान भी हैं। पारा एक ऐसा मेटल है जो आपके दिमाग गुर्दों और फएफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या हैं पारे के नुकसान ?
आपको बता दें कि पारा एक लिक्विड मेटल है जिसे तरल चांगदी भी कहा जाता है। पारा इंसानों के साथ साथ जानवरों को भी बराबर नुकसान पहुंचाता है। इसलिए कहा जाता है कि पर्यावरण में पारे की मौजूदगी एक गंभीर मुद्दा है। थर्मामीटर में पारे का इस्तेमाल किया जाता है। और इसका इस्तेमाल बच्चों पर भी किया जाता है। अगर ये थर्मामीटर गलती से गिरकर टूट जाए तो ये काफी नुकसानदायक हो सकता है।
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इसीलिए अगर गलती से थर्मामीटर फिसलकर टूट जाता है तो इसके अंदर का पारा हवा में भाप बनकर उड़ जाता है और ये वातावरण में मिलकर सासं लेने पर हमारे शरीर के अंदर प्रवेश करता है और सीधे हमारे फेफड़ों खून और शरीर के अलग अलग हिस्सों में एंट्री कर लेता है। इसीलिए कहा जाता है कि पारा जितनी फायदे की चीज़ है उतने ही इसके नुकसान भी हैं। इसीलिए ज़्यादा से ज़्यादा डिजिटल थर्मामीटर्स का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।