यूपी के झांसी से एक बेहद ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि गरीब किस से मदद मांगे। वह किस से न्याय आस लगाए। कौन है जो उनकी सहायता करेगा। क्या देश का सर्वोच्च न्यायालय मदद करेगा जिसमें पहले से 49 करोड़ मामले लंबित पड़े है या कानून से जिसके हाथ खुद ही जुर्म में रंगे पड़े है, या फिर सरकार के उन पयादों से जो सुनकर भी अनसुना कर कर देते है। जिन्हें आप वोट देते ताकि वो आपको सुने लेकिन बाद में वो अंधे भरे हो जाते है। आम जनता की आवाज उनके कानों तक नहीं पहुंच पाती।
सुनकर अनसुना कर देते है मंत्री जी
ऐसा ही एक ताजा मामला यूपी के झांसी से सामने आया है। दरअसल एक चौकी इंचार्ज आदिवासी महिला से उसकी 15 साल की बेटी को मांगता है। इसी के साथ महिला के लिए कानून के दरवाजे बंद हो जाते है। जिसके बाद महिला मदद के लिए यूपी के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के पास जाकर मदद की गुहार लगाती है। लेकिन मंत्री सहाब सुनकर अनसुना करके निकल जाते है।
पूर्व बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सीएम योगी के आस पास हमेशा नजर आते है। शायद इसलिए महिला को लगा कि वह उसकी मदद करेंगे। लेकिन सीएम योगी के पास भी रहकर वह सीएम जैसे संवेदनशील नहीं बना पाए।
यूपी कैबिनेट के सबसे संवेदनहीन मंत्री
इससे पहले भी इनके पत्थर दिल का अंदाजा लग गया था। दरअसल हाल ही में मंत्री जी कुशीनगर दौरे पर थे। इस दौरान दिखा था कि एक दिव्यांग फरियादी इनके सामने गिर गया। लेकिन मंत्री जी उसे लांघ कर चले गये। पिछले कुछ दिनों से स्वतंत्र देव सिंह यूपी कैबिनेट के सबसे संवेदनहीन मंत्री बनकर उभर रहें है। यूपी में झांसी की मंडी चौकी इंचार्ज की शिकायत लेकर एक महिला स्वतन्त्र देव सिंह के पास पहुंची थी। लेकिनव स्वतन्त्र सिंह ने देखिये कैसे राजधर्म निभाया।
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