कुछ पुलिसकर्मी वर्दी का नाजायज फायदा उठाते हैं। कभी किसी गरीब पर वर्दी का रोब जमाते है तो कभी दुकान से फ्री समान लेते नजर आते है। बस ट्रेन तो मानों उनके घर की है। वह बिना टिकट के ही ट्रेनों में सवार हो जाते हैं। लेकिन इस बार पुलिस वालों को वर्दी में ट्रेन की सवारी भारी पड़ गई।
चेकिंग अभियान में फंसे पुलिसकर्मी
दरअसल मामले की सूचना मिलने के बाद सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम ने चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान दारोगाओं सहित 27 पुलिसकर्मियों को बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ा गया है। इसके बाद सभी जुर्माना भरने से कतराते हुए नजर आए। जब उच्चाधिकारियों को फोटो भेजने की चेतावनी दी गई तब जाकर उन्होंने जुर्माना देकर टिकट बनवाया।
वर्दी का रोब दिखाने लगे दरोगा, फिर…
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह 11 बजे मेरठ से लखनऊ जाने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस में पहले से विशेष चेकिंग टीम सवार हो गई। इस दौरान ट्रेन में 27 पुलिस वाले बिना टिकट के सफर कर रहे थे। जिसमें से कुछ दारोगा भी थे। जब उनसे जुर्माना देकर टिकट बनवाने के लिए कहा तो अपनी वर्दी का रोब दिखाने लगे। जुर्माना देने को दूर टिकट बनवाने से भी इंकार कर दिया। तभी एसीएम ने टिकट निरीक्षकों को सभी का फोटो लेने को कहा। साथ ही एसीएम ने ये भी कहा कि ये फोटो पुलिस महानिदेशक के पास भेजी जाएगी। इसके बाद पुलिस वालों ने बिना विरोध किए जुर्माना भरकर टिकट बनवाया। चेकिंग कर रही टीम बरेली में उतर गई।
140 यात्रियों से वसूले गया 71,160 रुपये का जुर्माना
फिर बरेली से मुरादाबाद तक डिब्रूगढ़ से लालगढ़ जाने वाली अवध असम एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के स्थान पर जनरल कोच में टिकट की चेकिंग की गई। चेकिंग में बिहार से चलने वाले काफी यात्री बिना टिकट के ही दिल्ली जा रहे थे। फिस सभी ने जुर्माना देकर टिकट बनवाया।
इसके बाद रामपुर से मुरादाबाद तक स्लीपर कोच में चेकिंग की गई। इसमें कई यात्री जनरल टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करते हुए पकड़े गए। एसीएम नरेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि चेकिंग टीम ने 140 बिना टिकट और अनियमित टिकट वालों को पकड़ा। जिसमें पुलिसकर्मी भी थे। सभी से 71,160 रुपये जुर्माना लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया।