महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों को लेकर डिवीजनल कमिश्नर के दफ्तर से एक खबर सामने आई है। जिसमें किसानों की हालातों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, 1 जनवरी 2023 से 31 अगस्त 2023 तक मराठवाड़ा के 685 किसानों ने आत्महत्या की है। मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले में सबसे ज्यादा किसानों की मौत हुई है। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे का बीड गृह जिला है। इस आंकड़े ने राज्य सरकार और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ा दी है।
8 जिले किसानों की परेशानी
मध्य महाराष्ट्र के इस शुष्क क्षेत्र में आठ जिले आते हैं, जिसमें औरंगाबाद, जालना, बीड, परभनी, नांदेड, उस्मानाबाद, हिंगोली और लातूर हैं। यहां के डिवीजनल कमिश्नर के दफ्तर की रिपोर्ट के मुताबिक, एक जनवरी 2023 से 31 अगस्त 2023 के बीच मराठवाड़ा में 685 किसानों ने आत्महत्या कर ली। करीब 300 लोगों ने कम बारिश के कारण आत्महत्या की थी। मानसून के महीने में सबसे ज्यादा किसानों मौत को गले लगाया है।
बीड जिले में सबसे ज्यादा मौत!
सबसे ज्यादा बीड जिले के किसानों ने आत्महत्या की है। रिपोर्ट के अनुसार 186 किसान ने आत्महत्या से मौत हुई है। बीड महाराष्ट्र के मौजूदा कृषि मंत्री धनंजय मुंडे का गृह जिला है। मुंडे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट का हिस्सा हैं, जो हालही में सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हुए हैं। सीएम एकनाथ शिंदे के सरकार में शामिल होने के बाद धनंजय मुंडे को कृषि मंत्री बनाया गया है।
कम बारिश से किसानों ने की आत्महत्या
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा कुछ सालों से बारिश की कमी से जूझ रहा है। यहां इस मानसून सीजन में भी 20.7 फीसदी तक कम बारिश हुई है। क्षेत्र में 11 सितंबर तक 455.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि मानसून में होने वाली औसत 574.4 मिमी बारिश से काफी कम है। कम बारिश किसानों के लिए आफत साबित हो रही है।
इस रिपोर्ट ने प्रशासन और सरकार दोनों को परेशान कर दिया है। कैसे किसानों को भरोशा दिलाया जाए कि, राज्य सरकार उनकी हर संभव मदद करेगा। किसानों के अंदर अपनी सरकार के प्रति कम होता विश्वास भी आत्महत्या की वजह है।