कोटा में काफी ज्यादा तदाद में बच्चें पढ़ने जाते है। अब ऐसे में कोचिंग स्टूडेंट्स के बढ़ते सुसाइड ने लोगों और सरकार दोनों की चिंता बढ़ा दी है। 2022 में सबसे आधिक कोचिंग स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया है। बता दें कि इस बात का खुलासा सरकार ने अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल के सवाल के जवाब में किया। मेघवाल ने पूछा था 2019 से 2022 में छात्रों की आत्महत्या के कितने केस सामने आए है और इन सबके पिछे क्या कारण था?
सुसाइड कि असली वजह क्या?
वहीं सरकार ने माना आत्महत्या की वजह इंटरनल टेस्ट, प्रेम प्रसंग, ब्लैकमेलिंग और परिजनों की महत्वकांक्षा है। सरकार इसी सत्र में अब कोचिंग में कंट्रोल और सुसाइड रोकने के लिए बिल लाएगी। वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस सत्र में ही राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल लाया जाएगा। कोटा में देशभर से 2 लाख से अधिक स्टूडेंट्स मेडिकल-इंजीनियरिंग और भी कई कंपटीशन की तैयारी करते हैं। सालाना फीस 2 से 3 लाख रु. के अलावा कमरा, पीजी आदि सब महंगा है।
सरकारी रिपोर्ट में सामने आया आत्महत्याओं का आंकड़ा
साल 2022 में कोटा में 16 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया, हालांकि सदन में यह आकंडा 13 बताया गया है। चिंता यह है कि दिसंबर में 4 सुसाइड मात्र 10 दिन में हुए। 12 दिसंबर को 12 घंटे के भीतर 3 होनहारों ने खुदकुशी की। वहीं सरकारी रिपोर्ट में सामने आया कि हर 15 आत्महत्या में 2 छात्राएं और 13 छात्र हैं। यानी खुदखुशी करने वालों में 87% लड़के और लड़कियां है।
सरकार ने आत्महत्या के पीछे बताए है ये बड़े कारण
- कोचिंग में टेस्ट में पिछड़ने के कारण आत्मविश्वास की कमी होना।
- माता-पिता की छात्रों से उच्च महत्वाकंक्षा होना।
- छात्रों में शारीरीक और मानसिक एवं पढ़ाई संबंधी तनाव उत्पन्न होना।
- आर्थिक तंगी, ब्लैकमेलिंग और प्रेम प्रसंग।