इस बार 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक माता के नवरात्रें मनाए माए जाएंगे। अभी से देशभर में नवरात्रों की तैयारियां शुरू हो गई है। देश के सभी कोनों में भिन्न भिन्न तरीके से नवरात्रें मनाए जाते है। वहीं अगर हम मध्य प्रदेश की बात करें तो इस दौरान राज्य की संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि गरबा और डांडिया ‘लव जिहाद’ के नए माध्यम बन गए हैं।
इसी के साथ मंत्री ने गरबा आयोजकों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि नवरात्रि और अन्य धार्मिक आयोजनों में लगने वाले गरबा पंडाल लव जिहाद का माध्यम बन गए हैं। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि बिना पहचान पत्र दिखाए इस बार किसी को भी गरबा पंडाल में जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सलाह और चेतावनी ?
आगे मंत्री ठाकुर ने कहा कि गरबे में जो भी आएगा। वो अपना पहचान पत्र साथ लाएगा। बगैर पहचान के कोई गरबों में प्रवेश नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि “यह हमारी सबको सलाह और चेतावनी है। हमारे सांस्कृतिक संगठन और लोग इस बात को जानते हैं। चूंकि गरबा अब लव जिहाद का माध्यम बन गया है तो ऐसा करना अनिवार्य हो गया है कि प्रवेश से पहले लोगों के पहचान पत्र जांचे जाएं।”
आपको बता दें कि मंत्री उषा ठाकुर इससे पहले भी गरबे को लेकर चर्चा में आई हैं। 2014 की हम बात करें तो उन्होंने गरबा आयोजकों को चेतावनी दी थी कि गैर-हिंदुओं को पंडालों में प्रवेश न दिया जाए। साथ ही मतदाता पहचान पत्र के आधार पर उनकी स्क्रीनिंग की जानी चाहिए।
पहचान पत्र को लेकर वाद-विवाद
वहीं ऊषा ठाकुर के बयान का बचाव करते हुए मध्य प्रदेश बीजेपी ने पहचान जांचने को एक ऐहतियाती कदम बताया है। पार्टी ने कहा कि यह सिर्फ सुझाव है कि लोगों को पहचान पत्र साथ रखने चाहिए। क्योंकि कांग्रेस और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया तनाव पैदा करने की कोशिश में हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा चुनावी फायदे के लिए जानबूझकर राज्य में नफरत और डर का माहौल बना रही है।
इसके बाद बयानों की झड़ी लग गई। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया केके मिश्रा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जानबूझकर इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। मंत्री द्वारा लगाए गए लव जिहाद के आरोप हिंदुओं और हिंदू धर्म का अपमान है।
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