प्रदेश में मदरसों को लेकर की जा रही जांच व उस जांच के उपरांत अवैध ठहराए गए मदरसों को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सुन्नी थेयोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व विभागाध्यक्ष मुफ़्ती मोहम्मद जाहिद ने एक बड़ा बयान दिया है. आपको बता दें कि मुफ्ती मोहम्मद जाहिद ने प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पहले सीएम योगी को आगे आकर खुद ये कहना चाहिए कि वह ज़बरदस्ती महाराज बने है. गरीब लोग मदरसे चलाते है.., चंदा एकत्रित कर के मदरसों का संचालन किया जाता है.
सरकार को चाहिए कि मदरसोॆ के रेजिस्ट्रेशन को खोला जाए उनको पैसे दिए जाएं. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. अगर मदरसों पर कोई कार्यवाही सरकार करती है तो देश में बगावत होकर रहेगी।
मदरसों के सर्वे का मकसद
बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार मदरसों के कायाकल्प को लेकर सजग है. सराकर ने मदरसोॆं की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य के सभी जिलाधिकारीयों को सर्वे कराने के निर्देश दिए गए थे. मदरसे का सर्वे करने का मकसद प्रदेश के सभी जिलों के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन करने वाली संस्था, मदरसे की स्थापना की तारिख , उसका स्टे़टस निजी या किराए के घर में चल रहा है), मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा, पानी, फ़र्नीचर, बिजली, शौचालय के इंतज़ाम की जानकारी, छात्र- छात्राओं की कुल संख्या, शिक्षकों की संख्या, वहां पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्त्रोत, अगर छात्र किसी अन्य जगह भी पढ़ रहे हैं तो उसकी जानकारी, और अगर सरकारी समूह या संस्था से मदरसों की संबद्धता है तो उसका विवरण देने को कहा गया था.
मदरसे की फिजिकल सर्वे की प्रक्रिया पूरी
मदरसे की फिजिकल सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसकी रिपोर्ट जल्द शासन को भेजी जाएगी . सर्वे का मकसद गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति को जानना और उसमें सुधार करने के लिए सरकारी योजनाओं से जोड़ना है,” यूपी अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”मदरसों के फिजिकल सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसकी रिपोर्ट जल्द शासन को भेजी जाएगी. सर्वे का मकसद गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति को जानना और उसमें सुधार करने के लिए सरकारी योजनाओं से जोड़ने है.”।