ये कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी कि एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती.. योगी राज में ये कहावत कई बार सच हो चुकी है… क्योंकि जहां सीएम योगी आदित्यनाथ हैं वहां माफिया गुंडे नहीं रहे सकते… या तो यूपी छोड़नी होगी या माफियागिरी… ये हम नहीं कह रहे, ये माफियाओं का वो अंजाम कह रहा है… जिसका खौफ यूपी के दूसरे माफियाओं में बैठ गया है… जिनमें से एक है माफिया मुख्तार अंसारी….पहले विकास दूबे, फिर असद का एनकाउंटर और अब अतीक अहमद और अशरफ की हत्या… जिसके बाद हर किसी के मन में एक ही सवाल है अब अगला नंबर किसका… अबकी बार गाड़ी पलटेगी या बाइक या फिर सिर को चीरती हुए निकलेगी गोली…
जेल में बेचैन है बाहुबली मुख्तार अंसारी
इन सब के बीच बांदा जेल में कैद मुख्तार अंसारी बैचेन हो रहा है, उसको अपने अंजाम का डर सता रहा है… डर भी इस कदर कि उसने जेल प्रशासन से कह कर हाई सिक्योरिटी सेल को जेल प्रशासन से कहकर छोटा करा लिया… यही नहीं उसने बाथरुम की सुविधा तक सेल के अंदर ही करा ली… ताकि वह किसी के कांटेक्ट में ना आ सके… वहीं जेल प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा भी बढ़ा दी है, माफिया पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है… दावा किया जा रहा है कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी की गई है कि कोई परिंदा तक पर ना मार सके… जेल कैंपेस की सुरक्षा में 150 जवानों में तैनात किया गया है… लेकिन बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी फिर भी बैचेन है…जेल में उसकी रातें डर में कट रही हैं..
…आज बाहुबली खुद खौफजदा
एक वक्त था जब यूपी में बाहुबली मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी… लोगों को आज भी याद है… जब माफिया मुख्तार का काफिला सड़क से गुजरता था तो किसी की मजाल जो उसके कारंवा के सामने आने की जरुरत कर सके। गाड़ी नंबर 786 की 30 एसयूवी एक लाइन से गुजरती थीं… लोगों में माफिया मुख्तार अंसारी का खौफ था, लेकिन आज बाहुबली खुद खौफजदा है… मुख्तार अतीक की हत्या की खबर से इस कदर बेचैन हुआ कि जेल में उसका बीपी बढ़ गया, सुगर लेवल डाउन हो गया… रात में उसने कई बार पानी मांगा… उसकी रातों की नींद उड़ चुकी है.. ठीक से दो वक्त का खाना भी नहीं खा पा रहा.. मुख्तार अब ये सोच रहा है कि कहीं कोर्ट में किसी पेशी के दौरान कोई अनहोनी ना हो जाए…ये हाल केवल बाहुबली मुख्तार अंसारी का नहीं है…बल्कि माफिया बिरादरी के पूरे कुनबे का है…
दशकों पुरानी है सीएम योगी और बाहुबली मुख्तार की अनबन
खौफ हो भी क्यों ना सीएम योगी और बाहुबली की अनबन भी तो दशकों पुरानी है… हम बात कर रहे हैं साल 2005 की… ये वो समय था जब सीएम योगी आदित्यानाथ ने मुख्तार अंसारी को खुलेआम चुनौती दी थी… उस वक्त योगी आदित्यानाथ गोरखुपर से सांसद हुआ करते थे… तब योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार अंसारी को चुनौती देते हुए कहा था कि वह मऊ दंगे के पीड़ितों को इंसाफ दिला के रहेंगे… बाबा गोरखपुर से मऊ के लिए निकल भी पड़े थे, लेकिन तब न तो यूपी में बीजेपी की सरकार थी और न ही कोई पैठ, तो योगी आदित्यनाथ को दोहरीघाट में ही रोक दिया गया… लेकिन आज यूपी में बीजेपी की सरकार भी है… और बाबा आदित्यानाथ का रुतबा भी… जिससे माफिया थर-थर कांपते हैं…
जेल ही जन्नत है…
अतीक की मौत के बाद अब लोगों के बीच ये चर्चा हो रही है… कहीं अगला नंबर मुख्तार का तो नहीं… और मुख्तार खुद भी ये बात जानता है कि उसने सारे काम अतीक जैसे ही किए हैं… कहीं जो अतीक के साथ हुआ वो मेरे साथ ना हो जाए.. बस इसी बात के डर से मुख्तार को अब जेल ही जन्नत लगने लगी है… आपकी इस बात को लेकर क्या राय है हमें कमेंट करके जरुर बताए.. और इसी तरह के तमाम राजनीति से जुड़े दिलचस्प किस्सों को जानने के लिए हमारे चैनल पॉलिटिकल जंगशन और न्यूज वन इंडिया को जरुर सब्सक्राइब करें…