तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के खिलाफ दिए बयान के बाद चेन्नई से लेकर दिल्ली तक बवाल मच गया है। हालांकि, स्टालिन की पार्टी डीएमके की सहयोगी कांग्रेस ने इस बयान से खुद को अलग करने की कोशिश की है। आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म को लेकर उत्तेजक, भड़काऊ और मानहानिकारर बयान देने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 120B, 153A, 295, 504 और आईटी एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
जानिए क्या बोला था उदयनिधि स्टालिन?
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उदयनिधि ने कहा, “सनातन धर्म को खत्न करने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म का उन्मूलन’ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं”।
वहीं उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, “कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें खत्म करना है और ना सिर्फ विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते। हमें उन्हें खत्म करना है। सनातनम भी ऐसा ही है। सनातनम का विरोध नहीं, बल्कि उन्मूलन करना हमारा पहला काम है।”
दयनिधि ने अपने बयान पर दी थी ये सफाई
वहीं आपको बता दें कि बवाल मचता देख उदयनिधि ने अपनी सफाई देते हुए ट्वीट का जवाब देते हुए उन्होंने लिखा, “मैंने कभी सनातन धर्म का पालन करने वालेे लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया। सनातन धर्म एक सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता समानता को कायम रखना है। मैं अपने कहे हर शब्द पर दृढ़ता से कायम हूं। मैंने उत्पीड़ितों और हाशिये पर पड़े लोगों की ओर से बोला, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं।
उन्होंने अपना बयान दोहराते हुए लिखा, ‘जैसे मच्छरों से कोविड-19, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं, उसी तरह सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है. मैं अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं, चाहे वह अदालत में हो या जनता की अदालत में. फर्जी खबरें फैलाना बंद करें.’