Nagpur: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RRS) के दशहरा कार्यक्रम में पर्वतारोही संतोष यादव (santosh yadav) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई. इस दौरान RRS के स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा, लोग मेरे हाव-भाव देखकर पूछते थे कि क्या आप संघी हैं? इसका जवाब देते हुए मैं उन्हें बताती थीं कि ये क्या है. आज किस्मत मुझे सर्वोच्च मंच पर लेकर आई है.
संतोष यादव ने एक किस्सा सुनाया कि एक बार जेएनयू में वह पर्यावरण पर बोल रही थीं. तभी एक छात्र ने उनसे पूछा कि हमें रामचरितमानस या गीता पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है. तब मैंने उनसे कहा, फिर मैंने उन्हें कहा कि आपने इन पुस्तकों को पढ़ा है? तो उन्होंने कहा कि नहीं. फिर मैंने उन्हें कहा कि बिना पढ़े आप इन पुस्तकों को लेकर द्वेष क्यों पाल रही हैं. आप इसे पढ़िए. सनातन संस्कृति सृजन की प्रेरणा देता है.
जानिए कौन हैं संतोष यादव
आपको बता दें कि, संतोष यादव दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला हैं. मई 1992 में पहली बार और मई 1993 में दूसरी बार उन्होंने एवरेस्ट की चोटी को फतह किया और ऐसा करके उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने संतोष कंगसुंग की ओर से माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली दुनिया की पहली महिला भी हैं.
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली पहली महिला
संतोष यादव का जन्म हरियाणा (Haryana) के रेवाणी जिले में साल 1968 में हुआ था. उनके इलाके में लड़कियों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, लेकिन संतोष यादव (santosh yadav) के परिवार ने उन्हें पढ़ाया और आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें जयपुर भेजा, जहां महारानी कॉलेज से उन्होंने आगे की पढ़ाई की.
संतोष यादव ने विश्व रिकॉर्ड बनाया
संतोष यादव को असाधारण कार्य के लिए वर्ष 2000 में भारत सरकार द्वारा चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. वर्तमान में, संतोष यादव भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. साथ ही उन्होंने उत्तरकाशी नेहरू पर्वतारोहण कॉलेज से प्रशिक्षण भी लिया.