National Mourning In India: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का 08 जुलाई 2022 को निधन हो गया। देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान उन्हें गोली मार दी गई थी। गंभीर रूप से घायल आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया। बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद पूरे विश्व में शोक की लहर दौड़ गई और साथ ही सबने अपने तरीके से उन्हे श्रद्धांजली अर्पित की।
इसी कड़ी में दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि शनिवार को पूरे भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक होगा। पूरे भारत में शोक के दिन राष्ट्रीय ध्वज उन सभी भवनों पर आधा झुका रहेगा जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराया जाता है और उस दिन कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आबे के सम्मान में 9 जुलाई को भारत में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
लेकिन आखिर किसी गणमान्य के देहांत के बाद राष्ट्रीय शोक क्यों घोषित किया जाता है और क्या होता है राष्ट्रीय शोक…इस बारे में आइये हम बताते है आपको की आखिर “राष्ट्रीय शोक” के क्या क्या मायने है।
क्या होता है राष्ट्रीय शोक..?
राष्ट्रीय शोक को इंग्लिश में National Mourning कहते है। देश के राष्ट्रीय शोक पूरे राष्ट्र के दु:ख को व्यक्त करने का एक प्रतीकात्मक तरीका है।
यह राष्ट्रीय शोक किसी बड़े नेता या गणमान्य व्यक्ति के निधन या पुण्य तिथि पर मनाया जाता है। हालाँकि राष्ट्रीय शोक के लिए कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन भारत में राष्ट्रीय शोक का इतिहास देखा जाए तो आज तक कम से कम 1 दिन और अधिक से अधिक 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
राष्ट्रीय शोक की अधिसूचना कैसे जारी होती है
भारत में किसी भी गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु के बाद सरकार द्वारा उनके निधन की घोषणा की जाती है, इसके साथ ही सरकार द्वारा एक राजपत्र अधिसूचना काली पट्टी के साथ जारी की जाती है।
राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका देने के निर्देश के साथ राजकीय शोक भी घोषित किया जाता है। साथ ही सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी की जाती है। सरकार आमतौर पर सभी राज्यों और अन्य सरकारी विभागों को राष्ट्रीय शोक, झंडा फहराने आदि के बारे में एक वायरलेस संदेश भेजती है।