Jharkhand News: पहले तम्बाकू और अब सादे पान मसाले पर भी लगा इस राज्य में लगा प्रतिबंध,जनता की सेहत के लिए किया ये बड़ा फ़ैसला

झारखंड सरकार ने 5 फरवरी 2025 से सादे पान मसाले की बिक्री पर रोक लगा दी है। मंत्री इरफान अंसारी ने यह घोषणा विश्व कैंसर दिवस पर की। इसके साथ ही, राज्य में कैंसर स्क्रीनिंग और सरकारी कैंसर अस्पताल की योजना भी बनाई गई है।

Jharkhand News: झारखंड सरकार ने राज्यभर में सादे पान मसाले की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मंगलवार को घोषणा की कि 5 फरवरी 2025 से पूरे राज्य में सादा पान मसाला बेचना मना होगा। इसका मतलब यह है कि बुधवार से कोई भी दुकान या व्यापारी सादे पान मसाले की बिक्री नहीं कर सकेगा।

पहले से ही गुटखा पर बैन

झारखंड में पहले से ही गुटखा पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो 2023 तक लागू था। लेकिन बीते एक साल में इसकी बिक्री फिर से शुरू हो गई थी। मंत्री अंसारी ने कहा कि सादे पान मसाले के नाम पर अब लोग जर्दा भी बेच रहे थे, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया था। इसलिए सरकार ने अब इस पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है।उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई भी इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि कोई भी इस कानून का उल्लंघन न करे।

कैंसर के खिलाफ नई मुहिम

राज्य सरकार ने यह फैसला विश्व कैंसर दिवस के मौके पर लिया। रांची के आईपीएच ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री अंसारी ने यह घोषणा की और राज्य में कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम की भी शुरुआत की।उन्होंने बताया कि झारखंड के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर अब मौखिक कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाएगी। उनका कहना है कि अगर कैंसर का शुरुआती चरण में पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है और मरीज की जान बचाई जा सकती है।

मंत्री ने कहा, हमारा लक्ष्य झारखंड को कैंसर मुक्त बनाना है। इसी वजह से हमने कैंसर स्क्रीनिंग और सादे पान मसाले की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है।

 

आने वाली योजनाएं

झारखंड सरकार ने कैंसर से लड़ने के लिए कई और योजनाएं बनाई हैं। इसमें 9 से 14 साल की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीका लगाया जाएगा। इससे राज्य में कैंसर के मामलों को कम करने में मदद मिलेगी।पान मसाला और गुटखा जैसी चीजों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह कैंसर जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में कोई ढील नहीं देना चाहती। स्वास्थ्य मंत्रालय का मकसद राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना और उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाना है।

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