US deportation: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के डिपोर्टेशन का सिलसिला तेज हो गया है। अमेरिका से 119 प्रवासी भारतीयों को लेकर एक और विमान आज रात अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। इनमें से सबसे ज्यादा संख्या पंजाब और हरियाणा के लोगों की है। यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा खत्म हुए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं, और अमेरिका ने अवैध प्रवासी भारतीयों की दूसरी खेप रवाना कर दी है।
10 दिन पहले अमेरिका ने 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया था, जिन्हें सैन्य विमान से लाया गया और हथकड़ी-बेड़ियों में जकड़कर भारत भेजा गया था। इस अमानवीय व्यवहार को लेकर भारत में काफी विरोध हुआ था। अब सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी के दौरे के बाद अमेरिकी प्रशासन के रुख में बदलाव आएगा? क्या इस बार डिपोर्ट किए गए लोगों को बेहतर व्यवहार के साथ लाया जाएगा?
आज रात अमृतसर पहुंचेगा विमान
US से आने वाली इस विशेष फ्लाइट के अमृतसर एयरपोर्ट पर रात 10 से 11 बजे के बीच उतरने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार कुल 119 भारतीयों को वापस भेजा गया है। इनमें से 67 पंजाब, 33 हरियाणा, 8 गुजरात, 3 उत्तर प्रदेश, 2-2 महाराष्ट्र और गोवा तथा 1-1 राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से हैं।
अमेरिकी आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने और बिना दस्तावेज अमेरिका में रहने के कारण इन्हें डिपोर्ट किया गया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस बार भी इन्हें सैन्य विमान से लाया जा रहा है या फिर रेगुलर फ्लाइट से भेजा गया है।
पहले जत्थे पर मचा था बवाल
5 फरवरी को US ने पहली बार अवैध भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान से भारत भेजा था। इस दौरान 104 भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया था, जिससे काफी विवाद खड़ा हो गया था। संसद में भी इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ था।
विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की कूटनीति पर सवाल उठाए थे और कहा था कि अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने का यह तरीका अमानवीय है। पहले भी अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट किया जाता रहा है, लेकिन सैन्य विमान में हथकड़ी लगाकर भेजने की घटना पहली बार हुई थी। विपक्ष की मांग थी कि केंद्र सरकार को अमेरिका से इस पर सख्त ऐतराज जताना चाहिए और डिपोर्टेशन प्रक्रिया को सम्मानजनक बनाना चाहिए।
क्या पीएम मोदी के दौरे का पड़ेगा असर?
US डिपोर्टेशन पर संसद में हुए हंगामे के बाद भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत की थी। पीएम मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान भी यह मुद्दा उठाया गया था। अब देखने वाली बात यह होगी कि ट्रंप प्रशासन इस बार क्या रुख अपनाता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी की ट्रंप से मुलाकात का असर इस डिपोर्टेशन पर दिख सकता है। सरकार की कोशिश यही होगी कि अवैध प्रवासियों को पिछले बार की तरह हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर न भेजा जाए। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इन लोगों को किस प्रकार लाया जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन की अवैध प्रवासियों पर सख्ती
US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त नीति अपनाई है। उन्होंने अपने चुनावी अभियान के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से रहने वालों को वापस भेजा जाएगा।
ट्रंप प्रशासन लगातार ऐसे लोगों को पकड़कर डिपोर्ट कर रहा है। खासतौर पर भारतीयों की बड़ी संख्या अमेरिका में अवैध रूप से रह रही है, जिन्हें अब जबरन वापस भेजा जा रहा है। अमेरिका का इमिग्रेशन विभाग पहले भी कई बार कह चुका है कि गैरकानूनी तरीके से अमेरिका आने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या आगे भी जारी रहेगा डिपोर्टेशन?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की नीतियों में कोई बदलाव नहीं होगा और आगे भी ऐसे ही डिपोर्टेशन जारी रहेंगे। हालांकि, भारत सरकार इस प्रक्रिया को सम्मानजनक बनाने के लिए US अधिकारियों से बातचीत कर रही है।
पीएम मोदी के हालिया दौरे के बाद उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भारतीयों को डिपोर्ट करने के तरीके में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्त नीति को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने की कार्रवाई जारी रहेगी।
अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन का सिलसिला जारी है। पीएम मोदी के यूएस दौरे के तुरंत बाद 119 अवैध प्रवासियों की वापसी इस बात का संकेत है कि ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर कोई ढील देने के मूड में नहीं है। अब देखना होगा कि सरकार की कोशिशों का असर आगे के डिपोर्टेशन पर कितना पड़ता है और क्या आने वाले समय में इस प्रक्रिया को सम्मानजनक बनाया जा सकता है।