शुरुआती समय में ठंड की वजह से मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या कम रही, लेकिन अधिकारियों को दिन बढ़ने के साथ मतदान में तेजी की उम्मीद है। जिलाधिकारी राजा गोपाल सुंकारा भी शुरुआती मतदाताओं में शामिल रहे। इस चुनाव में कुल 46 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 44 निर्दलीय शामिल हैं। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ द्रमुक और अभिनेता-राजनेता सीमान की पार्टी नाम तमिलर काची (एनटीके) के बीच माना जा रहा है। द्रमुक ने पूर्व विधायक वी सी चंद्रकुमार को उम्मीदवार बनाया है जबकि एनटीके ने एम के सीतालक्ष्मी को टिकट दिया है। यह उपचुनाव कांग्रेस विधायक ईवीकेएस इलांगोवन के निधन के बाद हो रहा है।
मतदाताओं के लिए की गई अवकाश की घोषणा
अन्नाद्रमुक और भाजपा ने इस उपचुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। मतदान को सुविधाजनक बनाने के लिए निर्वाचन क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी और निजी कार्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही जिले और आस-पास के क्षेत्रों में काम करने वाले मतदाताओं को भी सवैतनिक अवकाश देने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी संगठन ने यह आदेश नहीं माना, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
चुनाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बाहरी लोगों को शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र से बाहर भेज दिया गया है। कलेक्टर सुंकारा ने बताया कि कुल 237 मतदान केंद्रों में से नौ बूथ संवेदनशील घोषित किए गए हैं, जहां अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इन बूथों पर माइक्रो ऑब्जर्वर निगरानी करेंगे और चौबीसों घंटे वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है।
यह भी पढ़ें : मिल्कीपुर उपचुनाव में अब तक हुआ 13 प्रतिशत मतदान, सपा और भाजपा में सीधी टक्कर
मतदान केंद्रों पर 1,500 पुलिसकर्मी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तीन कंपनियां तैनात की गई हैं। अब तक चुनाव से संबंधित 57 शिकायतें मिली हैं, जिन पर आवश्यक कार्रवाई की गई है। कलेक्टर ने बताया कि इरोड पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,27,546 मतदाता हैं। वे मतदान के लिए 12 प्रकार के पहचान दस्तावेजों में से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं। सभी मतदान केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।