Delhi Dehradun Expressway: जड़ौदा पांडा (सहारनपुर)। दिल्ली-देहरादून ग्रीन एक्सप्रेसवे पर बड़गांव कट मिलने से इलाके की तस्वीर ही बदल गई है। जैसे ही एक्सप्रेसवे से कट की सुविधा मिली, वैसे ही सड़क किनारे की ज़मीनों के दाम आसमान छूने लगे। अब यहां की जमीन की कीमतें दिल्ली और देहरादून तक से ज्यादा हो गई हैं।
जंगल की जमीनें भी हुईं कीमती
सिर्फ खेत नहीं, बल्कि जंगलों की जमीनें भी अब कीमती हो गई हैं। जहां पहले ये ज़मीनें दो लाख रुपये बीघा थीं, अब वही जमीनें 10 लाख रुपये बीघा तक पहुंच गई हैं। इसका कारण है एक्सप्रेसवे की वजह से इलाके की बढ़ी हुई अहमियत।
बड़े व्यापारी ला रहे कारोबार
दिल्ली से देहरादून की दूरी कम होने से अब व्यापारी इस रास्ते के किनारे अपने व्यापार फैलाने की सोच रहे हैं। बड़गांव में कट मिलने से ये जगह व्यापार के लिहाज़ से बेहद अहम हो गई है। यही वजह है कि बड़गांव के पास सड़क किनारे की जमीन अब 40 से 50 लाख रुपये प्रति बीघा में बिक रही है। वहीं, जो ज़मीन सड़क से थोड़ी दूर है, उसकी कीमत भी अब 10 लाख रुपये बीघा तक हो गई है।
किसानों की ज़िंदगी में बदलाव
कई छोटे किसान अपनी ज़मीनें ऊंचे दामों में बेचकर दूसरी जगह ज़्यादा जमीन खरीद रहे हैं या फिर बच्चों को व्यापार में लगा रहे हैं। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ी है। कुछ किसान अब खेती छोड़कर कारोबार की तरफ रुख कर चुके हैं।
स्थानीय लोगों की मिली-जुली राय
जड़ौदा पांडा के आदिप त्यागी का कहना है कि एक्सप्रेसवे के कारण अब दिल्ली से बड़गांव आने में कम समय लगता है। इसलिए बड़े उद्योगपति यहां व्यापार शुरू करना चाहते हैं, जिससे जमीनों के दाम बढ़े हैं। वहीं झबीरन गांव के अमित राणा का कहना है कि बड़गांव में कट मिलने से लोग अपने बच्चों का व्यापार यहीं शुरू करवा रहे हैं, जिससे पहले से चल रहे छोटे व्यापारियों पर असर पड़ा है।लेकिन दूसरी तरफ जितेंद्र राणा मानते हैं कि अगर उद्योगपति यहां व्यापार शुरू करते हैं, तो स्थानीय युवाओं को नौकरी मिलेगी और बेरोज़गारी की समस्या भी कम होगी।