origin of budget in India : भारत में बजट के बारे में हमेशा चर्चा होती रहती है। लोग जानना चाहते हैं कि सरकार किस तरह से देश की आय और खर्च का हिसाब करती है और कौन कौन से नए फैसले बजट में होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट शब्द कहां से आया है इस बारे में कुछ रोचक बातें हैं, जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
कहां से आया ‘Budget’ शब्द?
‘बजट’ शब्द फ्रेंच भाषा के एक लातिन शब्द ‘बुल्गा’ से आया है, जिसका मतलब होता है चमड़े का बैग। फिर इस शब्द ने एक लंबा सफर तय किया। ‘बुल्गा’ से ‘बोऊगेट’ बना और फिर अंग्रेजी में इसे ‘बोगेट’ कहा गया, जो बाद में ‘बजट’ शब्द में बदल गया। पहले बजट को चमड़े के बैग में लाकर संसद में रखा जाता था, इसलिए यह शब्द उसी से जुड़ा है।
चमड़े का लाल बैग की परंपरा
ब्रिटिश काल में जब सरकार अपने खर्च और आय का हिसाब देती थी, तो ये सब जानकारी चमड़े के लाल बैग में लेकर लाई जाती थी। उस समय यह परंपरा बहुत खास मानी जाती थी और कई सालों तक यह चलती रही।
लेकिन 2019 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को बदल दिया। उन्होंने बजट को चमड़े के बैग में न लाकर, बही खाता (लाल कपड़े में लिपटे कागज) में लाने की शुरुआत की। इसके बाद से बजट डिजिटल तरीके से पेश किया जाने लगा।
बजट हमेशा 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है
क्या आपने कभी सोचा है कि बजट सुबह 11 बजे ही क्यों पेश होता है दरअसल, ऐसा पहले नहीं था। ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। इसका कारण यह था कि बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को पूरी रात काम करना पड़ता था, और वे थोड़ा आराम करना चाहते थे। बाद में, 1955 से बजट हिंदी में भी पेश किया जाने लगा, पहले यह केवल अंग्रेजी में ही पेश होता था।
ब्रिटिश सरकार में पेश हुआ था पहला बजट
भारत में बजट की शुरुआत अंग्रेजों के समय से हुई थी। सबसे पहला बजट भारत में 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के एक अधिकारी जेम्स विल्सन ने पेश किया था। जेम्स विल्सन स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री थे और उन्होंने भारत में बजट पेश करने की शुरुआत की थी।
आजाद भारत का पहला बजट
भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिल गई, और इसके बाद 26 नवंबर 1947 को भारत का पहला केंद्रीय बजट पेश किया गया। इसे पेश किया था आर के शानमुगम चेट्टी ने, जो भारत के पहले वित्त मंत्री थे। चेट्टी का जन्म 1892 में हुआ था और वे एक वकील, राजनेता, और अर्थशास्त्री थे। उनका योगदान भारतीय बजट प्रणाली में अहम था।