Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के केरलापाल इलाके में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब तक 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि मुठभेड़ अभी भी जारी है। इस ऑपरेशन में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए हैं, जिससे नक्सलियों के नेटवर्क पर भारी आघात लगा है।
कैसे हुई मुठभेड़ ?
यह नक्सल विरोधी अभियान 28 मार्च को शुरू हुआ, जब जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर ऑपरेशन शुरू किया। 29 मार्च को सुबह 8 बजे से नक्सलवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ लगातार जारी है। यह मुठभेड़ उप्पमपल्ली ग्राम के पास हुई, जहां नक्सली राशन लेने के लिए पहुंचे थे। सुरक्षा बलों ने एक दिन पहले ही इलाके में तलाशी और फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसके बाद यह बड़ी मुठभेड़ हुई।
हथियार और विस्फोटक हुए बरामद
मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए हथियारों और गोला-बारूद में शामिल हैं:
- एके-47 और एसएलआर राइफल
- इंसास राइफल और पॉइंट 303 राइफल
- रॉकेट लॉन्चर और बीजीएल लॉन्चर
- विस्फोटक पदार्थ और गोला-बारूद
सुरक्षा बलों की हताहत हुई स्थिति
इस ऑपरेशन के दौरान, डीआरजी के दो जवान घायल हो गए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि उनकी स्थिति सामान्य है और वे खतरे से बाहर हैं। मुठभेड़ स्थल के आस-पास के इलाकों में गश्त और सर्चिंग ऑपरेशन अब भी जारी है।
यह भी पढ़ें : हार के बावजूद भी चमका इस खिलाड़ी का नाम, पर्पल कैप की रेस में बने आगे…
सुकमा के अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन को और तेज किया गया है और नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस और सुरक्षा बल मुठभेड़ स्थल के आसपास के क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं ताकि अन्य नक्सलियों को पकड़ा जा सके।
मुठभेड़ के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया गया है। स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने के लिए कहा गया है।
नक्सल विरोधी अभियान का क्या है महत्व ?
यह अभियान नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत है, जो सरकार की सख्त नीति और सुरक्षा बलों के प्रयासों को दर्शाता है। यह ऑपरेशन नक्सलियों के छिपने के ठिकानों पर एक बड़ा आघात है और इससे उन्हें इलाके में अपनी पकड़ कमजोर करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे ऑपरेशन तब तक जारी रहेंगे जब तक नक्सलवाद पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता।