Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-5 फिर हिंद महासागर क्षेत्र में लौटा, श्रीलंका में डाले था डेरा

चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-5 फिर हिंद महासागर क्षेत्र में लौटा, श्रीलंका में डाले था डेरा

नई दिल्ली। श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर लगभग पांच माह तक डेरा डालने के बाद चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-5 फिर हिंद महासागर क्षेत्र में लौटा है। आईओआर में चीन के जासूसी जहाज की एंट्री भारत के लिए खतरे की घंटी है। महज तीन महीने में दूसरी बार चीनी जासूसी जहाज की आवाजाही भारत और अमेरिका के विरोध जताने के बावजूद हो रही है। चीने के दो जासूसी जहाज युआन वांग-6 और यमुना वांग-5 तीन माह से हिंद महासागर क्षेत्र में चक्कर लगा रहे हैं।

चीन अपने जहाज युआन वांग-6 और युआन वांग-5 को ‘रिसर्च शिप’ कहता है, यानी एक ऐसा नौसेनिक जहाज जिसका काम समुद्र में वैज्ञानिक अनुसंधान करना है। भारत और अमेरिका इन्हें ‘स्पाई शिप’ मानते हैं, यानी एक ऐसा जहाज दो दूसरे देशों की जासूसी करने के लिए तैनात किया जाता है। युआन वांग 5 नाम का चीनी नौसैनिक जहाज 16 अगस्त को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा था। उस समय भी भारत और अमेरिका ने विरोध जताकर श्रीलंका से चीनी जहाज को अपने यहां ठहरने की इजाजत न देने को कहा था, क्योंकि चीन का ये जासूसी जहाज सैटेलाइट की मदद से भारत की मिसाइल रेंज और न्यूक्लियर प्लांट पर नज़र रख सकता है।

श्रीलंका ने चीनी जहाज दी इजाजत

इसके बावजूद श्रीलंका ने चीनी जहाज को अपने यहांं लंगर डालने की इजाजत दे दी। दरअसल, हंबनटोटा पोर्ट के लिए चीन ने श्रीलंका को 1.5 अरब डॉलर का करज दिया था, जिसे नहीं चुकाने पर चीन ने इस पोर्ट को श्रीलंका से 99 साल की लीज पर लिया है। यही वजह है कि भारत और अमेरिका के विरोध जताने के बावजूद श्रीलंका चीनी जहाज को हंबनटोटा पोर्ट पर लंगर डालने से नहीं रोक पाया। हंबनटोटा पोर्ट से तमिलनाडु के कन्याकुमारी की दूरी करीब 451 किलोमीटर है। चीन का यह जहाज इतना ताकतवर है कि भारत में करीब 750 किमी. दूर तक आसानी से निगरानी कर सकता है। युआन वांग 5 सैटेलाइट और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों को ट्रैक करने में भी सक्षम है।

हिंद महासागर में भारत का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) 200 समुद्री मील तक फैला हुआ है। पिछले माह चीन के एक और जासूसी जहाज युआन वांग-6 के हिंद महासागर क्षेत्र में आने की जानकारी मिलने पर भारतीय नौसेना ने ईईजेड में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देने के लिए जाल बिछाया था। भारतीय कानून किसी भी विदेशी जहाज को बिना अनुमति के सर्वेक्षण, अनुसंधान या अन्वेषण करने से रोकता है।

चीनी नौसेना के जहाजों की आवाजाही भी शामिल है

चौकन्नी भारतीय नौसेना के चलते युआन वांग-6 ने भी श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर शरण ली थी। महज तीन महीने में दूसरी बार युआन वांग-5 ने हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया है। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत हिंद महासागर के सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रख रहा है, जिसमें चीनी नौसेना के जहाजों की आवाजाही भी शामिल है। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में बहुत सारे चीनी जहाज काम करते हैं। इस समय चीनी नौसेना के लगभग 4 से 6 जहाज और कुछ शोध पोत हिंद महासागर में हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में मछली पकड़ने के चीनी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में संचालित होते हैं। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। हम सभी घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हैं।

Exit mobile version