Churu plane crash: राजस्थान के चूरू जिले में 9 जुलाई 2025 की सुबह बड़ा हादसा हो गया, जब भारतीय वायुसेना का एक जगुआर फाइटर जेट रतनगढ़ तहसील के भानुदा गांव के पास खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आसमान से तेज आवाज के साथ आग की लपटें उठीं और कुछ ही मिनटों में विमान जलकर खाक हो गया। घटनास्थल पर एक शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में मिला है, जिसकी पहचान अभी बाकी है। शुरुआती जानकारी में तकनीकी खराबी की बात सामने आ रही है। इस हादसे के बाद भारतीय वायुसेना और Churu प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और इलाके को सील कर दिया गया है। चूरू के इस हादसे ने एक बार फिर जगुआर विमानों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
A Jaguar fighter aircraft of the Indian Air Force has crashed near Churu district of Rajasthan. pilot killed 🙏 pic.twitter.com/0QLASYeXFV
— Subodh Srivastava (@SuboSrivastava) July 9, 2025
खेतों में गिरा विमान, धुएं का गुबार और आग की लपटें
Churu जिले के रतनगढ़ कस्बे से सटे भानुदा गांव में मंगलवार सुबह करीब 9 बजे जोरदार धमाके की आवाज आई, जिससे ग्रामीण सहम उठे। मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि एक लड़ाकू विमान खेतों में गिरा हुआ था, जिसमें भीषण आग लगी थी। आग और धुएं की ऊंची लपटें आसमान तक उठ रही थीं। ग्रामीणों के मुताबिक, कुछ ही मिनटों में पूरा विमान जलकर राख हो गया और उसके टुकड़े कई मीटर तक बिखर गए।
घटना की सूचना मिलते ही राजलदेसर थाने की पुलिस, Churu कलेक्टर अभिषेक सुराना, एसपी समेत वायुसेना और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक विमान पूरी तरह जल चुका था।
क्षत-विक्षत हालत में मिला शव, पायलट की पहचान की कोशिश
घटनास्थल पर एक शव टुकड़ों में मिला है, जो पूरी तरह जल चुका था। प्रशासन का मानना है कि यह शव विमान के पायलट का हो सकता है, लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। शव की शिनाख्त के लिए डीएनए जांच कराई जा सकती है। स्थानीय प्रशासन और सेना के अफसरों ने आसपास के इलाके को सील कर दिया है और ग्रामीणों को मलबे से दूर रहने की हिदायत दी है।
भानुदा गांव के निवासी प्रेम सिंह ने बताया, “विमान बहुत तेजी से नीचे आया और खेतों में गिरते ही उसमें धमाका हुआ। टुकड़े दूर-दूर तक उड़ गए और मलबे के पास मानव अवशेष भी दिखे।”
तकनीकी खराबी बनी हादसे की वजह? जांच जारी
भारतीय वायुसेना ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। शुरुआती रिपोर्ट में यह सामने आया है कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे पायलट नियंत्रण खो बैठा। हालांकि, फाइनल रिपोर्ट आने तक कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता।
जगुआर विमान डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक फाइटर के रूप में जाना जाता है और यह मुख्य रूप से जमीन पर हमला करने तथा सामरिक मिशनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में इसके दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हाल के वर्षों में लगातार हादसे
यह पहली बार नहीं है जब जगुआर विमान क्रैश हुआ है।
- 2 अप्रैल 2025, जामनगर, गुजरात: सुवरडा गांव के पास जगुआर क्रैश, एक पायलट की मौत।
- 7 मार्च 2025, अंबाला, हरियाणा: प्रशिक्षण के दौरान जगुआर क्रैश, पायलट ने समय रहते खुद को सुरक्षित निकाला।
- 6 फरवरी 2025, शिवपुरी, मप्र: मिराज-2000 ट्रेनर विमान क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 4 नवंबर 2024, आगरा, यूपी: मिग-29 दुर्घटनाग्रस्त, पायलटों ने कूदकर जान बचाई।
2017 से 2022 तक वायुसेना के कुल 34 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिनमें 19 मानवीय भूल और 9 तकनीकी खराबी के कारण थे।
Churu में हुए इस ताजा हादसे ने वायुसेना के पुराने बेड़े और उनकी तकनीकी विश्वसनीयता को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। खासतौर पर जगुआर जैसे पुराने विमानों की हालत अब चिंताजनक हो चली है। जहां एक ओर वायुसेना मिग-21 जैसे विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना पर काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर जगुआर जैसे विमानों की दुर्घटनाएं इस नीति की गति तेज करने का संकेत दे रही हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच रिपोर्ट में क्या सामने आता है और सरकार इस दिशा में आगे क्या कदम उठाती है।