CRPF jawan Pakistani wife जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद ने 24 मई 2024 को पाकिस्तान की मीनल खान से ऑनलाइन शादी (निकाह) की थी। दोनों की ये शादी वीडियो कॉल के ज़रिए हुई थी, लेकिन असल में उनकी पहली मुलाकात 1 मार्च 2025 को वाघा बॉर्डर पर हुई, जब मीनल 15 दिन के वीजा पर भारत आईं।
विवाद क्यों हुआ?
मुनीर अहमद का कहना है कि उन्होंने शादी करने से पहले अपने विभाग से इजाज़त ले ली थी। लेकिन सीआरपीएफ के मुताबिक, उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और शादी की जानकारी छिपाई। यही नहीं, जब मीनल का वीजा खत्म हो गया तो उन्होंने उसे भारत में ही रहने दिया, जो नियमों के खिलाफ है। इसी वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
सरकारी नियम क्या कहते हैं?
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक तय नियम है। अगर कोई कर्मचारी किसी विदेशी नागरिक से शादी करना चाहता है, तो उसे पहले अपनी डिपार्टमेंट से लिखित अनुमति लेनी होती है। यह नियम केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के तहत आता है। सीआरपीएफ का कहना है कि मुनीर ने ये इजाज़त नहीं ली थी, जबकि मुनीर का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी कागज़ात जमा कर दिए थे और उन्हें मंज़ूरी भी मिल गई थी।
मीनल भारत कैसे आईं?
मीनल खान पाकिस्तान के सियालकोट की रहने वाली हैं। शादी के बाद उन्होंने भारत आने के लिए वीजा लिया और 1 मार्च को वाघा बॉर्डर के ज़रिए भारत पहुंचीं। उनके भारत आने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं और उनकी हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है।
लोग क्या कह रहे हैं?
इस शादी की खबर सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय लोगों तक में चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोग इसे दो देशों के बीच मोहब्बत का रिश्ता मान रहे हैं, तो कुछ लोग इसे सुरक्षा से जुड़ा बड़ा खतरा बता रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि नियमों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए, चाहे मामला पर्सनल ही क्यों न हो।
मुनीर अहमद और मीनल खान की यह शादी अब एक साधारण प्रेम कहानी नहीं रह गई, बल्कि यह एक बड़ा विवाद बन चुकी है। इस मामले ने सरकारी कर्मचारियों के विदेशी नागरिकों से शादी करने से जुड़े नियम-कायदों और सुरक्षा पहलुओं को लेकर नई बहस छेड़ दी है। आगे आने वाले समय में इस तरह के मामलों में और भी सख्ती बरती जा सकती है।