नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आठ फरवरी को आ गए। भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। वहीं आम आदमी पार्टी को करारी हार उठानी पड़ी। अरविंद केजरीवाल की पार्टी महज 22 सीट ही जीत सकी। जबकि कांग्रेस का हाल पहले की तरह ही रहा और पंजा के खाते में शून्य सीट आई। हालांकि कांग्रेस भले ही खाता नहीं खोल पाई पर उसने आप का खेल जरूर बिगाड़ दिया। कुल 14 ऐसी सीट रहीं, जहां आप को कांग्रेस ने नुकसान पहुंचाया। अगर कांग्रेस उम्मीदवारों ने आप के वोटबैंक में सेंधमारी नहीं की होती तो शाएद दिल्ली की कमान अरविंद केजरीवाल के हाथों में होती।
तो अरविंद केजरीवाल के खाते में 36 सीट होती
दिल्ली चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन टूट गया। आप ने अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो कांग्रेस भी खुलकर मैदान में उतर गई। आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बाद 5 फरवरी को दिल्ली के 1 करोड़ 57 लाख मतदाता ने 699 उम्मीदवारों की भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया। 8 फरवरी को चुनाव परिणाम आए और आप का अभेद किला दिल्ली ढह गया। दिल्ली में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज की। अरिवंद केजरीवाल एंड कंपनी को करारी हार उठानी पडी। आम आदमी पार्टी की 14 ऐसी सीटें रहीं, जहां कांग्रेस के कारण उसे हार उठानी पड़ी। अगर कांग्रेस ने आम के वोटबैंक में सेंधमारी नहीं की होती तो अरविंद केजरीवाल के खाते में 36 सीट होती और वह दिल्ली के सीएम बन जाते।
तो अब दिल्ली में इसका उलट देखने को मिला
बता दें, लोकसभा में बीजेपी को हराने के लिए तमाम विपक्षी दलों ने महागठबंधन ‘इंडिया ब्लाक’ का गठन किया। इसमें कांग्रेस और आप भी शामिल रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव आते-आते दोनों ही दल अलग-अलग मैदान में उतर गए। पहले हरियाणा तो अब दिल्ली में दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को हुआ। नतीजन दोनों ही जगह बीजेपी की सरकार बन गई। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वोट काटे तो अब दिल्ली में इसका उलट देखने को मिला है। कांग्रेस भले ही दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीती हो, पर पंजे ने झाड़ू को जरूर साफ करवाने में अहम रोल निभाया।
आप के लिए गेमचेंजर साबित
कांग्रेस का प्रदर्शन भले ही कमजोर ही रहा, लेकिन कई सीटों पर उसके वोट आप के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते थे। बीजेपी ने कई ऐसी सीटें जीतीं, जहां आप और कांग्रेस के वोट बंटने से उसे फायदा हुआ। अगर आप और कांग्रेस का गठबंधन होता, तो बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती हो सकती थी। कारण, दिल्ली की 14 ऐसी सीटें हैं, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की हार सिर्फ कांग्रेस के वोट काटने के चलते हुई। यानी इन सीटों पर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। आप ने 70 में से 22 सीटें जीतीं, लेकिन इनमें से कई पर उसका वोट शेयर घटा। कांग्रेस ने कोई सीट नहीं जीती, लेकिन कई सीटों पर 5-15 फीसदी तक वोट हासिल किए।
संदीप दीक्षित 4,568 वोट के साथ तीसरे स्थान पर
राजधानी की सबसे हॉट सीट रही नई दिल्ली के नतीजे भी चौंकाने वाले रहे। यहां से परवेश साहिब सिंह ने 30,088 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद 4089 वोटों से हार गए। केजरीवाल को 25,999 वोट मिले.वहीं कांग्रेस के संदीप दीक्षित 4,568 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
गर्वित सिंघवी 6711 वोट लेकर तीसरे स्थान पर
ग्रेटर कैलाश सीट से तीन बार के विधायक सौरभ भारद्वाज को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें बीजेपी की शिखा रॉय ने 3188 वोटों के अंकर से हराया। बीजेपी कैंडिडेट को 49594 वोट मिले। आप के सौरभ भारद्वाज को 46406 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी गर्वित सिंघवी 6711 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
फरहद सूरी को 7,350 वोट मिले
जंगपुरा से बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने 38,859 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। आप के प्रत्याशी मनीष सिसोदिया कड़े मुकाबले में 38,184 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। सिसोदिया महज 675 वोटों से हार गए। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार फरहद सूरी को 7,350 वोट मिले।
कांग्रेस के विनीत यादव 4,015 को वोट मिले
राजेंद्र नगर से बीजेपी उम्मीदवार उमंग बजाज ने 46,671 वोट के साथ जीत दर्ज की। वहीं आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक महज 1231 वोटों के अंतर से हार गए। उन्हें 45,440 वोट मिले, जबकि इस सीट पर कांग्रेस के विनीत यादव 4,015 को वोट मिले।
जय प्रकाश पंवार को 17,958 वोट मिले
मादीपुर से बीजेपी के कैलाश गंगवाल ने 52,019 वोट के साथ जीत हासिल की। आप की राखी बिड़ला 41,120 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि कांग्रेस के जय प्रकाश पंवार को 17,958 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। बीजेपी ने आप को 10,899 वोटों के अंतर से हराया।
जीतेन्द्र कुमार कोचर को 6,770 वोट मिले
मालवीय नगर से सतीश उपाध्याय ने 39,564 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। आप के सोमनाथ भारती 37,433 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। सतीश उपाध्याय ने सोमनाथ भारती को 2,131 वोटों के करीबी अंतर से हराया। इस सीट पर कांग्रेस के जीतेन्द्र कुमार कोचर 6,770 वोट मिले।
देवेंद्र यादव को 41,071 वोट मिले
बादली सीट से बीजेपी के उम्मीदवार अहीर दीपक चौधरी को 61,192 वोट मिले। आप उम्मीदवार अजेश यादव को 46,029 वोट मिले। बीजेपी और आप उम्मीदवार में जीत का अंतर 15 हजार वोट के करीब है। जबकि यहां से कांग्रेस के देवेंद्र यादव को 41,071 वोट मिले।
राजेंद्र सिंह तंवर को 6,601 वोट मिले
छतरपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार करतार सिंह तंवर को 80,469 वोट मिले। आप के ब्रह्म सिंह तंवर को 74,230 वोट मिले। दोनों में जीत का अंतर 6239 वोटों का रहा। यहां कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह तंवर को 6,601 वोट मिले।
अभिषेक दत्त 27,019 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे
कस्तूरबा नगर से बीजेपी के नीरज बसोया को 38,067 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक दत्त 27,019 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे, जबकि आम आदमी पार्टी के रमेश पहलवान को 18,617 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। यहां बीजेपी 11,048 वोटों के अंतर से जीती।
पुष्पा सिंह को 9338 वोट मिले
महरौली सीट पर बीजेपी के गजेन्द्र सिंह यादव ने 48,349 वोटों के साथ जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी के महेंद्र चौधरी 46,567 वोट मिले। दोनों में जीत का अंतर महज 1782 वोट रहा। जबकि यहां कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पा सिंह को 9338 वोट मिले।
रोहित चौधरी को 32,028 वोट मिले
नांगलोई जाट से मनोज कुमार शौकीन ने 75,272 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। आप के रघुविंदर शौकीन 49,021 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। दोनों में 26,251 वोटों के अंतर रहा। जबकि यहां से कांग्रेस के रोहित चौधरी को 32,028 वोट मिले।
हर्ष चौधरी को यहां से 15,863 वोट मिले
संगम विहार से चंदन कुमार चौधरी ने 54,049 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। आप के दिनेश मोहनिया 53,705 को वोट मिले और वह 344 वोटों के मामूली अंतर से हार गए। कांग्रेस के हर्ष चौधरी को यहां से 15,863 वोट मिले।
कल्याण सिंह को 8,361 वोट मिले
तिमारपुर सीट से बीजेपी के सूर्य प्रकाश खत्री को 55,941 वोट मिले और उन्होंने जीत दर्ज की। आप के सुरिंदर पाल सिंह (बिट्टू) 1168 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। उन्हें 54,773 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के लोकेंद्र कल्याण सिंह को 8,361 वोट मिले।
कांग्रेस पार्टी को 6 लाख 100 वोट मिले
चुनाव आयोग के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 41 लाख 33 हजार 898 वोट मिले हैं। बीजेपी को 43 लाख 23 हजार 121 वोट मिले। कांग्रेस पार्टी को 6 लाख 100 वोट मिले हैं। जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 73 हजार और मायावती की पार्टी को 55 हजार वोट मिले हैं। एनडीए के साथ चुनाव लड़ने वाली जेडीयू को 1 लाख तो लोजपा (आर) को 50 हजार वोट मिले हैं।
इस बार आप को 41 लाख वोट मिले
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को 49 लाख वोट मिले थे। इस बार आप को 41 लाख वोट मिले हैं। यानी आप के वोटों में 8 लाख की कमी आई है। भारतीय जनता पार्टी को 2020 के विधानसभा चुनाव में 35 लाख वोट मिले थे। जबकि 2025 के चुनाव में बीजेपी 43 लाख वोट मिले हैं। यानी दिल्ली के इस चुनाव में बीजेपी को 8 लाख वोट बढ़े हैं।
अमरदीप 6,147 वोट के साथ तीसरे स्थान पर
त्रिलोकपुरी सीट से चुनाव में रवि कांत ने 58,217 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की। आप की अंजना परचा 57,825 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि कांग्रेस के अमरदीप 6,147 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। रवि कांत ने अंजना परचा को 392 वोटों के बेहद कम अंतर से हराया।
दोनों ने आप के वोट बैंक में सेंध लगा दी
इस चुनाव में आप को सबसे ज्यादा नुकसान दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर हुआ, क्योंकि इन इलाकों में कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक भी मौजूद था। आप को दिल्ली की 12 अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों में से 4 पर हार का सामना करना पड़ा। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि कांग्रेस और बीजेपी। दोनों ने आप के वोट बैंक में सेंध लगा दी। इसके साथ ही मुस्लिम बहुल सीटों पर भी आप को झटका लगा है। कारण, दिल्ली की 7 मुस्लिम बहुल सीटों में से भले ही आप ने 6 सीटें जीती हों, लेकिन उसका वोट शेयर गिरा है।