Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर नहीं कराया। ट्रंप, जो पहले कई बार इस सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश कर चुके थे, ने अब स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल इस प्रक्रिया में मदद की थी। भारत ने पहले ही साफ कर दिया था कि सीजफायर की पहल पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की ओर से की गई थी।
अपने बयान पर ट्रंप का यू-टर्न
कतर के दोहा में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप (Donald Trump) ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके थे। ड्रोन और मिसाइलों की भाषा में बात हो रही थी। मैंने दोनों देशों से बात कर माहौल को शांत करने में मदद की।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा, “मैंने सीजफायर नहीं कराया लेकिन मैंने इस दिशा में जरूर योगदान दिया। मुझे उम्मीद है कि मेरे कार्यकाल के बाद भी दोनों देश शांति बनाए रखेंगे।”
ट्रंप का यह बयान उनके पिछले दावों से पूरी तरह उलट है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ने 10 मई 2025 को सीजफायर पर सहमति जताई थी। भारत ने तब स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के DGMO ने 10 मई को दोपहर 3:35 बजे भारतीय समकक्ष को फोन कर सीजफायर की गुहार लगाई थी और दोनों पक्षों ने सीधे बातचीत के बाद समझौता किया।
यह भी पढ़े: भारत में प्रोडक्शन नहीं चाहते ट्रंप, एप्पल CEO टिम कुक से कही दो टूक बात
कैसे हुआ था सीजफायर ?
पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट से हमले किए लेकिन भारतीय सेना ने अपने मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम से इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया।
भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सेंटर, रडार स्थलों सहित कई प्रमुख सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत की इस कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने आखिरकार शांति की अपील की जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हुआ।