Education Department : श्रावस्ती जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है, जहां एक रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर 51 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा गया। भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा गांव निवासी मनोहर यादव, जो दिल्ली में रिक्शा चलाते हैं, के परिवार को यह नोटिस शुक्रवार को डाक के माध्यम से प्राप्त हुआ। नोटिस में मनोहर को फर्जी शिक्षक घोषित कर उनसे 51 लाख 63 हजार 53 रुपये की वसूली की बात कही गई। इस खबर ने मनोहर और उनके परिवार को हैरान कर दिया।
मनोहर यादव निरक्षर हैं और उनका परिवार गांव में रहता है। नोटिस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अजय कुमार के हस्ताक्षर के साथ 12 दिसंबर, 2024 को जारी किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि मनोहर ने अंबेडकर नगर जिले के सीहमई कारीरात गांव के एक फर्जी शिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह के नाम और पते का इस्तेमाल करते हुए श्रावस्ती जिले के जमुनहा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय नौवापुरवा में सहायक शिक्षक के पद पर नौकरी की। कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नौकरी पाने की पुष्टि के बाद उनकी सेवा 14 जुलाई, 2020 को नियुक्ति की तिथि से समाप्त कर दी गई। इसके साथ ही उनके खिलाफ भिनगा कोवताली में मामला भी दर्ज किया गया है।
थमा दिया 51 लाख का नोटिस
नोटिस में सात दिनों के भीतर 51 लाख रुपये कोषागार में जमा करने और रसीद बीएसए कार्यालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर इस राशि को भू-राजस्व वसूली की प्रक्रिया से वसूलने की चेतावनी दी गई है।
बीएसए अजय कुमार ने कहा कि पकड़े गए फर्जी शिक्षकों के नाम और पते के आधार पर यह नोटिस जारी की गई है। यदि मनोहर यादव को लगता है कि वे निर्दोष हैं, तो उन्हें कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। संभावना है कि उनके नाम से फर्जी दस्तावेज बनाए गए हों। मनोहर को अपना पक्ष रखने के लिए 20-25 दिन का समय दिया गया है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।