नई दिल्ली: बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2021 के विरोध में दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। सोमवार और मंगलवार को बैंकों का कामकाज प्रभावित रहेगा। इस सप्ताह रविवार से पहले चौथे शनिवार के कारण भी बैंक बंद थे। इस तरह लगातार चार दिन बैंक बंद रहेंगे जिसके कारण ATM में पैसे नहीं पहुंच पाएंगे और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। देशव्यापी हड़ताल को लेकर देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि इससे कितना नुकसान होगा, फिलहाल इसका हिसाब नहीं लगाया जा सकता है।
दिल्ली में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सरकार की योजना के विरोध में आज और कल पूरे भारत में बैंकों की हड़ताल का आह्वान किया है। वही केरल में ट्रेड यूनियनों ने सरकारी नीतियों के विरोध में आज और कल राष्ट्रव्यापी हड़ताल और बंद का आह्वान किया है। तिरुवनंतपुरम में एक व्यक्ति ने बताया, “हड़ताल और बंद के आह्वान से मुझे अपने ऑफिस जाने में दिक्कत हो रही है।”
पश्चिम बंगाल में विभिन्न ट्रेड यूनियनों की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू हो गई है, जिसके मद्देनजर वाम मोर्चे के सदस्यों ने कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में इकट्ठा होकर रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया है। केंद्रीय श्रमिक संगठनों की दो दिन की हड़ताल में बिजली, परिवहन, बीमा समेत कई क्षेत्रों में निजीकरण का विरोध किया गया है।
दूसरी तरफ केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में देशभर के बिजली कर्मियों के साथ यूपी के बिजली कर्मी भी 28 और 29 मार्च को हड़ताल करेंगे। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाईज एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। संगठन में शामिल ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 28 और 29 मार्च को देश भर के श्रम संगठनों के आह्वान पर देश के सभी राज्यों के तमाम बिजली कर्मचारी भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन की हड़ताल में हिस्सा लेंगे।