Indian Air Force भारतीय वायुसेना की एक टुकड़ी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अल धफरा एयरबेस पर पहुंच चुकी है। यहां भारत की वायुसेना एक बड़े और अहम अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग-10’ में भाग ले रही है। यह अभ्यास 21 अप्रैल से 8 मई 2025 तक चलेगा, जिसमें भारत की ओर से मिग-29 और जगुआर जैसे ताकतवर लड़ाकू विमान शामिल किए गए हैं।
कौन-कौन से देश ले रहे हैं हिस्सा?
इस अभ्यास का आयोजन यूएई की वायुसेना कर रही है और इसमें कई बड़े देशों की वायु सेनाएं हिस्सा ले रही हैं। भारत के अलावा इसमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, फ्रांस, जर्मनी, कतर, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूके और अमेरिका जैसे देश भी शामिल हैं। इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का मकसद आपसी तालमेल और साझा सैन्य क्षमताओं को परखना और मजबूत करना है।
क्या है इस अभ्यास का मकसद
डेजर्ट फ्लैग-10 का मुख्य उद्देश्य है। दुनिया की बेहतरीन वायु सेनाओं के साथ मिलकर जटिल और रणनीतिक ऑपरेशन्स को अंजाम देना। इसमें सभी देश अपने-अपने आधुनिक फाइटर जेट्स और तकनीकों के साथ हिस्सा ले रहे हैं, ताकि वे एक-दूसरे से सीख सकें और भविष्य में किसी संकट की स्थिति में एक साथ काम करने की तैयारी कर सकें। इस तरह के अभ्यासों से देशों के बीच विश्वास, सहयोग और समन्वय बढ़ता है। इससे ना केवल सैन्य ताकत में इजाफा होता है, बल्कि अभ्यास में शामिल देशों के सैनिकों को एक-दूसरे की कार्यशैली समझने का मौका भी मिलता है।
भारत की भागीदारी का मतलब क्या है?
भारतीय वायुसेना की इस अभ्यास में भागीदारी यह दिखाती है कि भारत वैश्विक स्तर पर रक्षा संबंधों को मज़बूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इससे भारत को न केवल अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मज़बूत साझेदार के रूप में देखा जाता है, बल्कि भारतीय जवानों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की रणनीति और तकनीकी समझ विकसित करने का मौका मिलता है।
एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग-10 सिर्फ एक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह भारत की वैश्विक भूमिका और सैन्य सहयोग की दिशा में एक अहम कदम है। इससे भारत की कूटनीतिक और सैन्य शक्ति दोनों को मजबूती मिलती है।