नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में संशोधित वित्तीय बिल 2025 को पेश किया, जो संसद की मुहर के बाद पास कर दिया गया। बिल में 35 संशोधन किए गए हैं। इस बिल में किए गए संशोधनों में ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट पर 6 प्रतिशत डिजिटल टैक्स या गूगल टैक्स को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। अब इस बिल को उच्च सदन यानी राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अगर राज्यसभा से भी संशोधित वित्तीय बिल 2025 को मंजूरी मिल जाती है तो, यह विधेयक पूरा हो जाएगा।
मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत मिलने की उम्मीद
लोकसभा में मंगलवार को 35 संशोधनों के साथ फाइनेंस बिल 2025 पास हो गया। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है, जो मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 फीसदी की ग्रोथ है. इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2025 को करदाताओं के लिए अभूतपूर्व कर राहत देने वाला बताया। लोकसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के जरिए मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत मिलने की उम्मीद है।
बिजनेसमैन को बड़ी राहत मिलेगी
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगाए गए 6 फीसदी इक्विलाइजेशन शुल्क जिसे ‘गूगल टैक्स’ भी कहा जाता है, को 1 अप्रैल से खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। सरकार के इस फैसले से गूगल, मेटा और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन देने वाले बिजनेसमैन को बड़ी राहत मिलेगी। इसका उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में सुधार करना है। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा और 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने से पहले उठाया गया है।
राजस्व में वृद्धि होगी
गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन लागत कम करने से भारतीय व्यवसायों द्वारा डिजिटल विज्ञापन पर अधिक खर्च करने को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद परिणामस्वरूप इन प्लेटफॉर्म पर अधिक विज्ञापनदाता आकर्षित होंगे और उनके राजस्व में वृद्धि होगी। इस फैसले से भारत के डिजिटल क्षेत्र में और अधिक विदेशी निवेश आने की भी संभावना है। डिजिटल विज्ञापन को सस्ता बनाकर सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और विकास और इनोवेशन के अवसर प्रदान करने की उम्मीद कर रही है।
समानीकरण शुल्क समाप्त किया जाएगा
बिल पेश करने के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितता को दूर करने के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला समानीकरण शुल्क समाप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया, एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बावजूद 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 13.14 फीसदी की वृद्धि का अनुमान यथार्थवादी है। वित्तमंत्री सीतारमण ने यह भी कहा कि सीमा शुल्क में तर्कसंगत बदलाव से देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, निर्यात को गति मिलेगी और आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि नए आयकर विधेयक पर संसद के अगले मानसून सत्र में चर्चा होगी।
4,15,356.25 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय वृद्धि
आगामी वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है, जिसमें 15.48 लाख करोड़ रुपये का प्रभावी पूंजीगत व्यय शामिल है। बजट में 42.70 लाख करोड़ रुपये के सकल टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन का अनुमान लगाया गया है और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का अनुमान लगाया गया है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है, जिसमें 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये तय किए गए हैं। यह चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित 4,15,356.25 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय वृद्धि है।
16.29 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए, वित्त वर्ष 26 के लिए 16.29 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2024-25 में 15.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। बजट 2025-26 में राज्यों को कुल 25,01,284 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, जो 2023-24 के वास्तविक आंकड़ों से 4,91,668 करोड़ रुपये की ग्रोथ को दिखाता है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (ळक्च्) 3,56,97,923 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमानों से 10.1 फीसदी अधिक है।