Gold Silver ने फिर तोड़ा रिकॉर्ड, साल के अंत में दिखी तेज़ रफ्तार, क्यों बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी

2025 के आखिरी दिनों में सोना और चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। वैश्विक तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीद और अमेरिकी ब्याज दरों के संकेतों ने कीमती धातुओं को नई मजबूती दी है।

Gold Silver Price Surge: साल 2025 के आखिरी दौर में सोना और चांदी की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। कुछ समय पहले सोने के भाव में हल्की गिरावट जरूर देखने को मिली थी, लेकिन अब साल खत्म होने से पहले इसमें फिर से तेज़ उछाल आ गया है। मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 24 कैरेट सोने का भाव 1.38 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया।

इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, मंगलवार को 24 कैरेट सोना 1,33,970 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। बुधवार को बाजार खुलते ही इसमें 2,183 रुपये की बढ़त दर्ज की गई और भाव 1,36,183 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने नया इतिहास बनाया। एशियाई बाजार में हाजिर सोना 4,445.69 डॉलर प्रति औंस के लाइफटाइम हाई स्तर पर ट्रेड करता दिखा।

चांदी भी पीछे नहीं रही

सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली। MCX पर चांदी का भाव बढ़कर 2,16,596 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सिल्वर 69.15 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही थी। साफ है कि निवेशकों का भरोसा दोनों कीमती धातुओं पर लगातार बढ़ रहा है।

अचानक तेजी के पीछे तीन बड़ी वजहें

इस साल अब तक सोने की कीमतों में करीब 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। दिसंबर में थोड़ी नरमी जरूर आई थी, लेकिन महीने के आखिरी दिनों में फिर से तेजी लौट आई। इसके पीछे मुख्य रूप से अमेरिका से जुड़े तीन बड़े कारण बताए जा रहे हैं।

पहला कारण – बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव

दुनिया भर में राजनीतिक और आर्थिक तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के तेल टैंकरों को लेकर उठाए गए कदमों से वैश्विक चिंता बढ़ी है। ऐसे हालात में निवेशक सुरक्षित माने जाने वाले सोने की ओर ज्यादा रुख करते हैं।

दूसरा कारण – केंद्रीय बैंकों की भारी खरीद

दुनिया के कई केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1996 के बाद पहली बार केंद्रीय बैंकों के रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी अमेरिकी ट्रेजरी से ज्यादा हो गई है। साल 2022 से हर साल करीब 1,000 टन सोना खरीदा जा रहा है, जिससे कीमतों को मजबूत सहारा मिला है।

तीसरा कारण – अमेरिकी फेड के रेट कट के संकेत

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती के संकेत भी सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं। बाजार को उम्मीद है कि 2026 में भी ब्याज दरों में नरमी रह सकती है। इससे सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों की मांग बढ़ी है।

विशेषज्ञों की सलाह

जानकारों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता के दौर में सोना और चांदी हमेशा सुरक्षित निवेश विकल्प बने रहते हैं। हालांकि, निवेश से पहले कीमतों के उतार-चढ़ाव पर नजर रखना जरूरी है। 2025 में सोने ने निवेशकों को कई बार चौंकाया है और साल के अंत में इसकी तेजी ने बाजार का माहौल और गर्म कर दिया है।

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