GPS based automatic toll collection system in India भारत की सड़कों पर सफर करने वालों के लिए राहत की खबर है। अब जल्दी ही टोल प्लाजा पर रुककर पैसा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार एक नया और हाईटेक सिस्टम लेकर आ रही है, जिससे टोल वसूली का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। अगले 15 दिनों में इस नई व्यवस्था को लागू करने की योजना है। इससे हाईवे और एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक जल्दी और आसान हो जाएगाम
कैसे काम करेगा नया टोल सिस्टम?
अब न फास्टैग की लाइन में लगना पड़ेगा, न स्कैनिंग का झंझट होगा। सरकार जीपीएस (GPS) और सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए टोल वसूलेगी। जैसे-जैसे आपकी गाड़ी चलेगी, उतना ही पैसा अपने आप आपके अकाउंट से कट जाएगा। गाड़ी की नंबर प्लेट की पहचान डिजिटल तरीके से होगी और पूरे सिस्टम को ऑनलाइन और ऑटोमैटिक बनाया गया है।
3000 रुपये में सालभर फ्री यात्रा
सरकार एक नया विकल्प भी देने जा रही है। एनुअल टोल पास। इसे सिर्फ 3000 रुपये में लिया जा सकेगा और इसके जरिए आप पूरे साल बिना किसी रुकावट के देशभर में कहीं भी टोल चुकाए बिना सफर कर सकेंगे। इससे समय की भी बचत होगी और हर बार टोल देने की झंझट से छुटकारा मिलेगा।
लाइफटाइम पास का भी प्रस्ताव
सरकार एक और बड़ी सुविधा पर काम कर रही है। लाइफटाइम टोल पास। इस पास की कीमत लगभग 30,000 रुपये रखी जा सकती है और यह 15 साल तक टोल फ्री यात्रा की सुविधा देगा। हालांकि, यह योजना अभी विचार के स्तर पर है, और जल्द ही इसे लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
ईंधन और समय दोनों की बचत
अब तक टोल पर लगने वाली लंबी लाइनों और ब्रेक लगाने की वजह से गाड़ियों का ईंधन ज्यादा खर्च होता था और सफर में देरी भी होती थी। लेकिन इस नई प्रणाली से फ्यूल की बचत होगी, यात्रा तेज होगी और प्रदूषण और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी काफी हद तक कम हो जाएंगी।
सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि यह नई तकनीक जल्द ही लागू की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बदलाव से भारत में सड़क यात्रा का तरीका ही बदल जाएगा, और लोगों को सफर में ज्यादा सहूलियत मिलेगी।