History of human dog relationship इंसानों और जानवरों का रिश्ता बहुत पुराना है। शुरू से ही मानव जीवन में जानवरों की अहम भूमिका रही है। भारतीय संस्कृति में तो कई जानवरों को पूजनीय माना गया है। किसी को देवता का वाहन माना जाता है तो किसी को शुभ प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। समय के साथ-साथ यह रिश्ता और भी गहरा होता गया है।
आज के समय में ज्यादातर लोग घरों में पालतू जानवर पालना पसंद करते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा कुत्ते देखने को मिलते हैं। आमतौर पर लोग कुत्तों को सुरक्षा के लिए रखते हैं, लेकिन अब तो ये हमारे परिवार के सदस्य जैसे बन गए हैं। कई लोग तो अपने डॉग्स को बच्चों जैसा प्यार देते हैं, उनके साथ सोते हैं, घुमाते हैं और उनके खाने-पीने का भी खास ध्यान रखते हैं।
हर साल मनाया जाता है ‘नेशनल पेट डे’
जानवरों के प्रति लोगों के इस प्यार और जुड़ाव को सम्मान देने के लिए हर साल 11 अप्रैल को ‘नेशनल पेट डे’ मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने पालतू जानवरों के साथ समय बिताते हैं और उनके लिए खास चीजें करते हैं।
कुत्तों को सबसे पहले क्यों पाला गया था
अगर आपसे पूछा जाए कि इंसान ने सबसे पहले कौन-सा जानवर पालतू बनाया, तो आप शायद गाय, घोड़ा या हाथी का नाम लेंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि दुनिया का सबसे पहला पालतू जानवर कुत्ता ही था।
जहां गाय और भैंस को दूध और खेती के लिए पाला गया, वहीं घोड़े और हाथी युद्ध या सफर के लिए इस्तेमाल होते थे। लेकिन कुत्तों को इंसान ने लगभग 15 हजार साल पहले पालतू बनाया था। गाय-भैंस आदि का पालन तो केवल 11 हजार साल पहले शुरू हुआ था।
शिकार में साथी थे कुत्ते
शुरुआत में इंसानों ने कुत्तों को रखवाली के लिए नहीं, बल्कि शिकार में मदद के लिए पाला था। जब इंसान खेती नहीं करता था और शिकार पर निर्भर था, तब कुत्ते उसका साथ देते थे। कुत्तों की सूंघने और ढूंढने की ताकत से शिकार करना आसान हो जाता था। यही कारण था कि इंसान और कुत्ते के बीच दोस्ती की नींव पड़ी।
आज के समय में कुत्तों की भूमिका
आज कुत्ते सिर्फ शिकार या सुरक्षा के लिए नहीं पाले जाते, बल्कि वो हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। अकेलेपन में साथ देना हो या मानसिक तनाव दूर करना, डॉग्स हर मोड़ पर इंसान के सच्चे साथी साबित हुए हैं।