Breath Analyzer कैसे काम करता है और पुलिस को किस तरह पता चलता है कि आपने कितनी शराब पी है

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पुलिस ब्रेथ एनालाइजर से आपकी सांस जांचती है, जिससे शराब का स्तर पता चलता है। तीन रंगों की लाइट्स से यह दर्शाया जाता है। भारत में शराब की सीमा 0.03 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

BREATH ANALYZER

Breath analyzer alcohol detection : हम जानते हैं कि जश्न मनाने के दौरान शराब पीना आम हो जाता है, लेकिन जब आप शराब पीकर गाड़ी चलाने की सोचते हैं, तो यह आपके और दूसरों के लिए खतरनाक हो सकता है। यही कारण है कि पुलिस के पास एक साधारण डिवाइस होता है, जिसे ब्रेथ एनालाइजर कहते हैं। यह डिवाइस आपकी सांस से यह पता कर लेता है कि आपने कितनी शराब पी है। तो, क्या आपको लगता है कि यह डिवाइस कैसे काम करता है आइए इसे बहुत ही आसान तरीके से समझते हैं।

कैसे पता करता है कि आपने शराब पी है

ब्रेथ एनालाइजर आपकी सांस में मौजूद अल्कोहल की मात्रा को मापता है। जब आप शराब पीते हैं, तो वह शराब आपके खून में मिल जाती है। फिर खून से यह शराब आपके फेफड़ों तक पहुंच जाती है। जब आप सांस छोड़ते हैं, तो थोड़ी-बहुत शराब की मात्रा हवा में बाहर निकल जाती है। अब, इस डिवाइस के अंदर एक ट्यूब होती है, जिसमें आपको फूंक मारनी होती है। जब आप फूंक मारते हैं, तो यह मशीन आपकी सांस में मौजूद अल्कोहल की मात्रा को मापती है। इसके बाद यह मशीन आपके ब्लड में शराब के स्तर का अनुमान लगा लेती है।

मशीन का काम करने का तरीका

अब सवाल यह उठता है कि ब्रेथ एनालाइजर में ऐसा क्या होता है जो शराब का स्तर पता कर लेता है जब आप शराब पीते हैं, तो वह आपके खून में घुल जाती है। इसके बाद शराब खून के जरिए आपके फेफड़ों तक पहुंच जाती है। जब आप सांस छोड़ते हैं, तो यह शराब हवा में बाहर निकलती है। ब्रेथ एनालाइजर उस हवा को टेस्ट करता है और उस हवा में शराब की मात्रा को ब्लड में शराब की मात्रा से मिलाकर दिखाता है। इसे ब्लड अल्कोहल कंसंट्रेशन (BAC) कहते हैं।

लाइट्स और संकेत

ब्रेथ एनालाइजर में आमतौर पर तीन रंग की लाइट्स होती हैं।

ग्रीन लाइट

इसका मतलब है कि आपका शराब का स्तर सुरक्षित है, यानी आपने ज्यादा शराब नहीं पी है।

येलो लाइट

इसका मतलब है कि आपने थोड़ा बहुत शराब पी है, तो गाड़ी चलाने से पहले थोड़ा सोच समझकर कदम उठाएं।

रेड लाइट

इसका मतलब है कि आपने ज्यादा शराब पी है और अब गाड़ी चलाना अवैध है।

आजकल कुछ नई मशीनों में ये लाइट्स नहीं होतीं, बल्कि डिजिटल डिस्प्ले होता है, जो आपके शराब के स्तर को नंबरों में दिखाता है।

भारत में शराब की सीमा क्या है

भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाना पूरी तरह से नियंत्रित किया गया है। अगर आप निजी वाहन चला रहे हैं, तो आपके खून में शराब की मात्रा 0.03 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम से ज्यादा शराब नहीं होनी चाहिए। अगर यह सीमा पार हो गई, तो आप कानून तोड़ रहे हैं। व्यावसायिक वाहनों के ड्राइवरों के लिए तो नियम और भी सख्त होते हैं, जहां शराब की मात्रा पूरी तरह से 0 होनी चाहिए

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