India-Pakistan tension: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच एक और बड़ा कदम उठाया गया है। जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बाद, भारत ने चिनाब नदी पर बने सलाल बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया। इससे पाकिस्तान की ओर पानी का बहाव तेज हो गया है, जो वहां के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा कर सकता है। इससे पहले, बगलिहार डैम के गेट भी खोल दिए गए थे, जिससे पाकिस्तान में जल स्तर में अभूतपूर्व कमी आई थी। अब इन दोनों बांधों के गेट खोलने से पाकिस्तान में हलचल मच गई है और वहां की सरकार ने इसे गंभीर संकट के रूप में देखा है।
भारत के इस कदम ने पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को भी प्रभावित किया है, जो चिनाब नदी पर बहुत अधिक निर्भर है। पाकिस्तान के सिंधु जल संधि से जुड़े अधिकारियों ने चिंता जताई है कि जल आपूर्ति में अचानक बदलाव से खरीफ की फसल प्रभावित हो सकती है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है। भारतीय प्रशासन की यह रणनीति, हालांकि, पाकिस्तान के खिलाफ एक सख्त संदेश देती है कि भारत जल प्रवाह के मोर्चे पर पूरी तरह से सक्षम है।
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India-Pakistan के बीच इस जल विवाद की जड़ें गहरी हैं। सिंधु जल संधि, जिसे 1960 में India-Pakistanके बीच हस्ताक्षरित किया गया था, दोनों देशों के बीच जल के बंटवारे की गारंटी देती है। लेकिन 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित कर दिया और जल प्रवाह के नियंत्रण का फैसला किया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच पानी के मुद्दे पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है।
भारत की ओर से उठाए गए इस कदम को एक रणनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तान ने इस निर्णय को युद्ध की कार्रवाई करार दिया है और इसे अपनी संप्रभुता पर हमला माना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इसके जवाब में कड़ी कार्रवाई की धमकी दी है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, अब सैन्य और कूटनीतिक मोर्चे पर भी बढ़ता जा रहा है।
यह घटनाक्रम केवल जल विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों India-Pakistan के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष और कूटनीतिक तनाव को भी दर्शाता है। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में यह एक और बड़ा मोड़ है, जो आने वाले दिनों में दोनों देशों की नीति और रणनीतियों को प्रभावित करेगा।