World Bank report में भारत की कौन सी ऐतिहासिक उपलब्धियों की जमकर हुई तारीफ, जानिए क्या कहा गया

भारत ने 2011 से 2023 के बीच 17 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। रोजगार के क्षेत्र में भी सुधार हुआ है। वर्ल्ड बैंक ने भारत की इस प्रगति की जमकर सराहना की है।

India's progress in poverty reduction

 India’s progress in poverty reduction :  वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में भारत की गरीबी कम करने और रोजगार के क्षेत्र में की गई शानदार प्रगति की खुलकर तारीफ की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 17 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। यह उपलब्धि वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ी मानी जा रही है।

रिपोर्ट बताती है कि साल 2011 से लेकर 2022-23 तक के बीच भारत ने 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी (यानी 2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम खर्च करने वालों) से उबार लिया है।

इस दौरान अत्यधिक गरीबी की दर 16.2% से घटकर केवल 2.3% रह गई। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस प्रगति के साथ ही भारत लोअर-मिडल इनकम देशों की श्रेणी में मजबूती से खड़ा हो गया है और वैश्विक गरीबी उन्मूलन में एक अग्रणी देश बनकर उभरा है। खास बात यह है कि ग्रामीण इलाकों में गरीबी 18.4% से गिरकर 2.8% पर आ गई और शहरी इलाकों में 10.7% से घटकर महज 1.1% रह गई। अब शहर और गांव के बीच गरीबी का फासला केवल 1.7% रह गया है। अगर 3.65 डॉलर प्रतिदिन के आधार पर देखा जाए तो गरीबी की दर 61.8% से घटकर 28.1% हो गई है और इस दौरान 37.8 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों ने दिखाई जबरदस्त तेजी

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में खासतौर पर बताया गया है कि भारत के पांच सबसे बड़े राज्यों ,उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश ने गरीबी घटाने में सबसे अहम योगदान दिया है। साल 2011-12 में देश के 65% अत्यंत गरीब इन्हीं पांच राज्यों में रहते थे। लेकिन 2022-23 तक आई गरीबी में गिरावट का दो-तिहाई हिस्सा इन्हीं राज्यों की वजह से हुआ है। यानी सबसे ज्यादा फर्क इन राज्यों में ही देखने को मिला है।

रोजगार के क्षेत्र में भी बड़ी कामयाबी

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021-22 से देश में रोजगार की वृद्धि दर कार्यशील उम्र की आबादी से भी तेज हो गई है, जो विकासशील देशों के लिए एक अच्छा संकेत है।

शहरी बेरोजगारी दर भी घटकर 7.8% से 6.6% पर आ गई है, जो कि 2017-18 के बाद सबसे कम है। महिलाओं की भागीदारी और स्वरोजगार में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

हालांकि, एक चिंता की बात यह है कि युवाओं में बेरोजगारी दर अभी भी 13.3% बनी हुई है और उच्च शिक्षा हासिल करने वाले युवाओं में यह आंकड़ा 29% तक पहुंच गया है।

वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट से साफ है कि भारत ने गरीबी घटाने और रोजगार बढ़ाने के मामले में शानदार प्रगति की है। आने वाले समय में अगर यही रफ्तार बनी रही, तो भारत विकास के नए आयाम छू सकता है।

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