Sanjeev Khanna : देश में आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना ने इस पद पर जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया है, जो 12 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए।
कब तक रहेगा कार्यकाल
जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा, जिसके दौरान वे कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और कानूनी मामलों पर फैसले देंगे। सुप्रीम कोर्ट में जनवरी 2019 से कार्यरत जस्टिस खन्ना कई चर्चित मामलों का हिस्सा रहे हैं। उनके फैसलों में ईवीएम की सुरक्षा को सुनिश्चित करना, चुनावी बॉन्ड योजना पर सवाल उठाना, अनुच्छेद 370 को चुनौती देना, और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना शामिल हैं।
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जस्टिस Sanjeev Khanna का करियर
14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में अपना पंजीकरण कराया था। 2004 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया, और इसके बाद 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। 2006 में वे स्थायी जज बने और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज का पदभार संभाला। 13 मई 2025 को वे इस पद से सेवानिवृत्त होंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना न्यायिक परिवार से हैं। वे दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के पुत्र और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एच.आर. खन्ना के भतीजे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में न्याय प्रणाली में तेजी लाने और लंबित मामलों को निपटाने पर विशेष ध्यान दिया है।
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देश के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस खन्ना से यह उम्मीद की जा रही है कि वे न्याय व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कदम उठाएंगे।