नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद सीएम बीरेन सिंह ने अपने पद से रिजाइन कर दिया था। तब ऐसी चर्चा थी कि बीजेपी किसी दूसरे नेता को राज्य का सीएम बना सकती है। पर ऐसा हुआ नहीं और सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। अब राज्य की बागडोर राज्यपाल के हाथों में आ गई है।
सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया
दरअसल, मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जिसके कारण बीते रविवार को बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह के रिजाइन देने के बाद सूबे में नए सीएम के नाम पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी नेताओं की बैठकों का दौर शुरू हो गया था। मणिपुर के प्रभारी संबित पात्रा तब से लगातार बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे। लेकिल अंत में सरकार ने सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है।
बजट सत्र को सस्पेंड कर दिया
संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार राज्य विधानसभाओं को अपनी अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर बुलाना अनिवार्य है। मणिपुर में पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त 2024 को बुलाया किया गया था। लेकिन बीते दिन यानी बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने की समय सीमा खत्म हो गई। हालांकि, राज्यपाल अजय भल्ला ने रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र को सस्पेंड कर दिया।
प्रदेश में नए सीएम को लेकर मंथन चला
बीरेन सिंह ने अपनी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव और महत्वपूर्ण फ्लोर टेस्ट का सामना करने से ठीक एक दिन पहले पद छोड़ दिया, जिससे राजनीतिक टकराव की संभावना टल गया। मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के लगभग 2 साल बाद और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच उनका इस्तीफा आया, जो लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहा था। इसबीच बीजेपी के अंदर प्रदेश में नए सीएम को लेकर मंथन चला। कई दौर की बेठकें हुई। जानकार बताते हैं कि पार्टी हाईकमान ने मणिपुर में सरकार बनाने के बजाए राष्ट्रपति शासन पर अपनी मुहर लगाई।
गतिविधियों के बारे में जानकारी दी
बता दें, राष्ट्रपति शासन लागू होने से पहले संबित पात्रा के नेतृत्व में बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की थी। इसी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश में कुछ बड़ा होने वाला हैं। राष्ट्रपति शासन लगने से ठीक पहले मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और अर्धसैनिक बल के अधिकारियों ने आज ही राजभवन में बैठक की थी। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती और परिचालन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। जानकार बताते हैं कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मणिपुर के हालात सुधरेंगे।
क्यों लगाया जाता है राष्ट्रपति शासन
1- अगर चुनाव के बाद किसी पार्टी को बहुमत न मिला हो तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।
2-जिस पार्टी को बहुमत मिला हो वह सरकार बनाने से इनकार कर दे और राज्यपाल को दूसरा कोई ऐसा दल नहीं मिले जो सरकार बनाने की स्थिति में हो
3-राज्य सरकार विधानसभा में हार के बाद इस्तीफा दे दे और दूसरे दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हो
4-राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के संवैधानिक निर्देशों का पालन ना किया हो
5–कोई राज्य सरकार जान-बूझकर आंतरिक अशांति को बढ़ावा या जन्म दे रही हो
6-राज्य सरकार अपने संवैधानिक दायित्यों का निर्वाह नहीं कर रही हो