वहीं, मानसून की सबसे ज्यादा देरी से शुरुआत 1972 में देखी गई थी, जब बारिश 18 जून को शुरू हुई थी। पिछले ढाई दशकों में 2016 का मानसून सबसे देरी से पहुंचा था, जब यह 9 जून को केरल में सक्रिय हुआ था।
IMD ने जारी किए अलर्ट
मानसून के असर को देखते हुए मौसम विभाग ने केरल के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जहां अगले 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। कुछ अन्य इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। वहीं, 6 से 11 सेंटीमीटर बारिश की आशंका वाले क्षेत्रों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
दिल्ली-NCR में भी बदला मौसम का मिजाज
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की ताज़ा जानकारी के अनुसार, दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में मौसम ने करवट ले ली है। 25 और 26 मई को राजधानी में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है, जबकि 27 मई को तेज गर्जना और चमक के साथ बारिश होने की उम्मीद है। इससे पहले 21 मई को क्षेत्र में एक तीव्र आंधी-तूफान ने दस्तक दी थी, जिसमें करीब 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और कई स्थानों पर ओले गिरने की घटनाएं भी दर्ज की गईं।
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दक्षिण कोंकण, गोवा और पूर्व-मध्य अरब सागर में निम्न दबाव क्षेत्र बनने के कारण मुंबई और आस-पास के इलाकों में अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अनुमान है। रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि मुंबई, ठाणे, पालघर, सिंधुदुर्ग, पुणे और सतारा में ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है। इन क्षेत्रों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
कृषि क्षेत्र के लिए राहत की खबर
मानसून के जल्दी आगमन को कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। समय पर बारिश से धान, तिलहन, दलहन, कपास और सब्जियों जैसी खरीफ फसलों की बुवाई में मदद मिलेगी। इससे भूजल स्तर बढ़ेगा, जलाशय भरेंगे और ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की अच्छी शुरुआत जरूर उत्साहित करने वाली है, लेकिन असली फर्क इस बात से पड़ेगा कि आगामी हफ्तों में यह कितनी स्थिरता और संतुलन के साथ पूरे देश में फैलता है।