भोपाल ऑनलाइन डेस्क। वह अचानक प्रकट होता है, पर दिखता नहीं। हां रहस्यमी कातिल की आहट जरूर सुनाई देती है। घर पर दस्तक देते ही ये अदृश्य शक्ति लोगों का काट लेती है और फिर गुम हो जाती है। कोई इसे एलियन कह रहा तो कोई जंगली कुत्ता। तो कुछ ग्रामीण इसे आत्मा का नाम भी दे रहे हैं। ऐसे में अब कातिल के खौफ से गांवों में दहशत है। अब तक इस रहस्यमयी जानवर ने 12 दिन के अंदर 6 लोगों को मार चुका है। जबकि इसके काटने से 12 लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हुए हैं। सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है। घरों पर पूजा-पाठ का दौर भी जारी है। पुलिस-प्रशासन के साथ वन विभाग की टीमें भी रहस्यमी जानवर की तलाश में जुटी हैं।
ये रहस्मयी जानपर मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के दर्जनों गांव में खौफ का दूसरा नाम बना हुआ है। इस रहस्यमयी जानवर ने जिले में अब तक 17 लोगों को काटा है। इनमें से छह लोगों की मौत भी हो चुकी हैं। ग्रामीणों की मौत पर पुलिस-प्रशासन और वन विभाग अलर्ट तोड पर हैं और अज्ञात जानवर की तलाश में ऑपरेशन चलाए हुए हैं। ग्रामीण अपने घरों की पहरेदारी कर रहे हैं। विपदा दूर भगाने के लिए घरों पर पूजा-पाठ का दौर भी जारी है। ग्रामीण इसे अदृश्य शक्ति मान रहे हैं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि ये जंगली कुत्ते के साथ ही एलियन भी हो सकता है। इनसब के बीच एक ग्रामीण ने जानवर का वीडियो बनाए जानें का दावा भी किया है।
जानकारी के अनुसार, अनजान जानवर की दहशत की शुरुआत बड़वानी जिले में पांच मई को हुई थी। खूंखार जानवर ने रात में लिंबई गांव में 17 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। कुछ दिन बाद इन घायलों में गंभीर परिणाम सामने आए और उनकी हालत बिगड़ने लगी। 23 मई को एक साथ तीन लोगों की मौत हो गई। जिससे गांवों में हड़कंप मंच गया। मौत का सिलसिला यहीं नहीं रुका। 27 मई को एक और फिर एक और 2 जून को भी एक-एक मौत हो गई। इस तरह 11 दिन में छह लोगों ने अपनी जान गंवा दी। हैरानी की बात यह है कि छह लोगों की मौत के बाद भी, यह साफ नहीं है कि किस जानवर ने ग्रामीणों पर हमला किया था।
बडवानी की डीएचओ डॉ दिव्यानी अहरवाल ने बताया कि घटना के कुछ दिन बाद एक-एक कर लोगों की मौत की जानकारी सामने आई। अब तक 17 में से छह लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी 11 घायलों का उनके घर पर ही रखकर इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम हर दिन उनकी जांच कर रही और उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि हाल ही में वरला में भी अज्ञात जानवर ने दो लोगों को काटा है। जिन्हें इलाज के लिए इंदौर के एमबाईएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बड़वानी डीएफओ आशीष बंसोड़ ने बताया कि विभाग की टीम ने घटना के बाद मौके पर जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। घटनास्थल के आसपास के जंगली इलाके की सर्चिंग भी लगातार की जा रही है, लेकिन अभी तक किसी भी जानवर के पग मार्क या कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे हमला करने वाले अज्ञात जानवर के बारे में कुछ जानकारी मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि हमला करने वाला जानवर कुत्ते जैसा लग रहा था, लेकिन वे ऐसा पुख्ता तौर पर नहीं कह पा रहे हैं। डीएफओ आशीष ने कहा कि अगर, रेबीज के इन्फेक्शन से ग्रसित कोई जानवर होता तो वह 3 से 4 दिन में मर जाता है। लेकिन, वन विभाग की टीम को सर्चिंग के दौरान किसी भी जानवर का शव नहीं मिला है।
अनजान जानवर के हमले में घायल रायली बाई (60), मंशाराम (50) और सुरसिंग (50) की 23 मई को मौत हो गई थी। इसके बाद 27 मई को 60 साल की सड़ीबाई ने दमतोड़ दिया। एक और दो जून को चेनसिंग (50) व सुनील (40) की मौत हो गई। बाकी 11 घायलों को इलाज चल रहा है। हाल ही में घायल दो अन्य लोग इंदौर में भर्ती हैं। डीएफओ आशीष बंसोड़ के अनुसार, मृतकों के परिवार को आठ-आठ लाख रुपये की मुआवजा राशि दी गई है। इसके अलावा घायलों के इलाज का खर्च भी उठाया जा रहा है। स्वास्थ्य ठीक होने तक घायलों को 500-500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से खर्च दिया जाएगा। वन विभाग की टीमें लगातार जंगलों की खाक छान रहीं हैं। अभी तक वन विभाग को इस रहस्यमयी जानवर के बारे में कोई सुराग नहीं मिला।
इनसब के बीच राजपुर के पास भिंगोरा गांव के किसान ने दावा किया है कि उसने रहस्यमयी जानकार को अपने वीडियो में कैद कर लिया है। वीडियो में नजर आने वाला जानवर ही लोगों को काट रहा है। दरअसल, वीडियो में एक लकड़बग्घा नजर आ रहा है। लकड़बग्घे के पीछे कुत्ते भौंकते दिखाई दे रहे हैं। किसान की सूचना पर फॉरेस्ट और पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची। आशंका जताई जा रही है कि ग्रामीणों पर हमला करने वाला लकड़बग्घा हो सकता है। बहरहाल सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर अज्ञात जानवर के हमले से पीड़ित सभी 17 लोगों को वक्त पर रेबीज रोधी इंजेक्शन दे दिया गया था, तो इनमें से छह लोगों की मौत कैसे हो गई।