महिला सशक्तिकरण की मिसाल: हमीरपुर की बेटी ने बस ड्राइवर बनकर समाज को दिया संदेश

HRTC की पहली महिला ड्राइवरों में से एक तमन्ना धीमान ने अपने सपनों को पूरा कर महिलाओं के लिए मिसाल कायम की हमीरपुर की इस बेटी ने यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के लिए कोई भी क्षेत्र असंभव नहीं है

himachal pardesh news: हिमाचल प्रदेश का हमीरपुर जिला जो अपनी शैक्षिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है, अब महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी नई मिसालें पेश कर रहा है। हाल ही में,एचआरटीसी हमीरपुर डिपो के ड्राइविंग स्कूल में एमबीए छात्रा तमन्ना धीमान पिछले दो माह से बस का प्रशिक्षण ले रही हैं और अब हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) की बस का स्टेयरिंग थामकर पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना दिया है।महिला ड्राइवर ने कहा,”मैंने सीमा ठाकुर को देखकर यह फैसला किया कि मुझे भी अपने सपनों को पूरा करना है। मुझे परिवार और दोस्तों का सहयोग मिला, जिससे यह मुमकिन हो सका सीमा ठाकुर जो खुद एक मिसाल हैं, ने अपने साहस और मेहनत से यह साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।

लंबे प्रशिक्षण के बाद हासिल किया लक्ष्य

हमीरपुर की इस बेटी ने HRTC के ड्राइवर के तौर पर नौकरी पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया। प्रशिक्षण के दौरान, उसने न केवल बड़े वाहनों को चलाने का तरीका सीखा बल्कि समाज के उस सोच को भी बदलने का काम किया जो महिलाओं को इस क्षेत्र में आने से रोकती है।

महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल

हमीरपुर की इस बेटी की उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम है। आज, जब महिलाएं सेना, पुलिस, एविएशन, और आईटी जैसे क्षेत्रों में अपने पैर जमा चुकी हैं, यह कदम परिवहन क्षेत्र में उनकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।

HRTC के अधिकारी भी इस नई शुरुआत से उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि महिला ड्राइवरों के शामिल होने से न केवल निगम का कामकाज बेहतर होगा, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देगा।

महिलाएं किसी क्षेत्र में नहीं पीछे

हमीरपुर की इस बेटी ने यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के लिए कोई भी क्षेत्र असंभव नहीं है। यह कहानी न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है। सपनों को साकार करने के लिए हिम्मत और मेहनत ही सबसे बड़ा हथियार है।

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