Akhilesh Yadav speech: लोकसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा का दूसरा दिन भी तीखा रहा। गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकियों के खात्मे पर सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्ष पर कड़ा हमला बोला और कहा कि पहलगाम हमले के गुनहगारों को ऑपरेशन महादेव में खत्म कर दिया गया है। वहीं, विपक्ष की ओर से सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने सरकार की नीतियों और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का होना ही सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। साथ ही चीन और पाकिस्तान को लेकर सरकार की विदेश और व्यापार नीति पर भी निशाना साधा। चर्चा में आज राज्यसभा में भी आगाज हुआ, जहां दोपहर बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पक्ष रखा।
शाह का पलटवार: “आतंकियों को ठोक डाला, सबूत पाकिस्तानी”
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कहा कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत मार गिराया है। उन्होंने यह भी बताया कि मारे गए आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत भी सरकार के पास हैं। शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश न की जाए। उन्होंने विपक्ष पर यह आरोप लगाया कि वह सेना की उपलब्धियों को भी संदेह के दायरे में ला रहा है।
Akhilesh Yadav का हमला: “सीजफायर का एलान किस दबाव में हुआ?”
सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने चर्चा के दौरान कहा कि सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि आखिर सीजफायर का एलान क्यों किया गया और किस दबाव में किया गया। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश सेना के साथ खड़ा है, तब सरकार राजनीतिक लाभ लेने में जुटी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर टेक्नोलॉजी इतनी विकसित है तो पुलवामा हमले में RDX से भरी गाड़ी कहां से आई, इसका आज तक कोई पता क्यों नहीं चला। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि आखिर ऑपरेशन महादेव की सफलता का श्रेय लेने के लिए एनकाउंटर कल ही क्यों किया गया।
आत्मनिर्भरता और चीन का मुद्दा
Akhilesh Yadav ने सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चीन लगातार हमारी जमीन और बाजार दोनों छीन रहा है, लेकिन सरकार उससे व्यापारिक संबंध मजबूत करने में जुटी है। उन्होंने यह भी कहा कि बुलेट ट्रेन सुरंग की खुदाई के लिए जो पुर्जे चाहिए, उनकी आपूर्ति चीन ने रोक दी है। ऐसे में आत्मनिर्भरता का सपना अधूरा लगता है। अखिलेश ने रक्षा क्षेत्र के लिए GDP का तीन फीसदी हिस्सा तय करने की मांग करते हुए सवाल उठाया कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में भारत को इतने साल क्यों लगते हैं।
“ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत ही क्यों पड़ी?”
Akhilesh Yadav ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का होना ही सरकार की विफलता है। उन्होंने कहा कि जब तक खुफिया तंत्र मजबूत नहीं होगा, तब तक इस तरह की घटनाएं रुकेंगी नहीं। उन्होंने पूछा कि आखिर पुलवामा जैसे हमलों में खुफिया तंत्र क्यों फेल हो जाता है और कौन इसकी जिम्मेदारी लेता है? उन्होंने यह भी कहा कि आज जब पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है, तब इस तरह के आतंकी हमले भारत की संप्रभुता को कमजोर करते हैं।
संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। एक ओर जहां सरकार सेना की सफलता और आतंक के खात्मे को उपलब्धि बता रही है, वहीं विपक्ष इसे खुफिया विफलता और रणनीतिक कमजोरी बता रहा है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच यह बहस क्या नया मोड़ लेती है।